सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ तय करेगी कि पंजाब में सिख अल्पसंख्यक हैं या नहीं

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ तय करेगी कि पंजाब में सिख अल्पसंख्यक हैं या नहीं

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)।

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि पंजाब में सिख समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा कैसे दिया जा सकता है? सिख देश के बाकी स्थानों पर तो अल्पसंख्यक हो सकते हैं, लेकिन पंजाब में कैसे?

केंद्र को नोटिस देकर जवाब मांगा
पांच जजों की संविधान पीठ यह तय करेगी कि पंजाब में सिख अल्पसंख्यक हैं या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अटार्नी जनरल की मदद मांगी है। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अंध्यार्जुना को एमिक्स क्यूरी बनाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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हाईकोर्ट ने नोटिफिकेशन रद किया था
यह पंजाब में शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थानों का दर्जा देने का मामला है। पंजाब में 2001 और 2006 में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर एसजीपीसी के संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थानों का दर्जा दिया था। इसके तहत मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए दाखिले में 50 फीसदी आरक्षण दिया गया। 2007 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिफिकेशन रद करते हुए कहा कि पंजाब में सिख अल्पसंख्यक नहीं हैं। सन 2008 में एसजीपीसी ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।