नोट बंद करने से सिर्फ आम आदमी प्रभावित : पी चिंदबरम

नोट बंद करने से सिर्फ आम आदमी प्रभावित : पी चिंदबरम

पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोट बंद होने से सिर्फ आम लोग परेशान हो रहे हैं.

खास बातें

  • कालेधन पर अंकुश लगने का दावा बेमानी
  • केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 2000 के नोट जारी नहीं करने की सलाह दी थी
  • सरकार का आम लोगों को परेशानी न होने का बयान एक मजाक
चेन्नई:

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार के ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद करने से कालेधन पर अंकुश लगने का दावा बेमानी है बल्कि इससे आम आदमी ही प्रभावित होगा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने कहा कि लोगों को दवा खरीदने, बस और ट्रेन का टिकट खरीदने में और ऑटोरिक्शा का भाड़ा देने में परेशानी हो रही है क्योंकि अब तक चलन में रहे 500 और 1000 के नोट अचानक से बंद कर दिए गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘वे (सरकार) कहते हैं कि बंद किए गए नोटों से जो ज्यादा मात्रा में चलन में थे, आम लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी. यह अपने आप में एक मजाकिया बयान है.’’ यहां पत्रकारों से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह कालेधन को कम करने के लिए उठाया कदम नहीं है. मेरी नजर में केंद्र सरकार के इस कदम से सिर्फ आम लोगों को परेशानी होगी.’’

उन्होंने कहा 2012 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सरकार को 2000 के नोट नहीं जारी करने की सलाह दी थी. बोर्ड का कहना था कि इससे आम लोगों को फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होगा. चिदंबरम ने कहा, ‘‘इस सलाह को किनारे रखते हुए सरकार ने 500 और 1000 के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया जो बड़ी मात्रा में बाजार में चलन में थे.’’

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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