देश में लड़ाकू विमान राफेल आएंगे लेकिन खुले आसमान के नीचे खड़े रहेंगे, क्योंकि...

एमईएस बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा रक्षा विभाग के पास राफेल विमान के हैंगर बनाने के लिए पैसा नहीं

देश में लड़ाकू विमान राफेल आएंगे लेकिन खुले आसमान के नीचे खड़े रहेंगे, क्योंकि...

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • ठेकेदारों का लगभग दो हजार करोड़ का भुगतान अटका
  • विमानों को खड़ा करने के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं
  • एसोसिएशन का दावा- सीडीएस की वजह से दिक्कत हो रही
भोपाल:

एमईएस में काम करने वाले ठेकेदारों को दो साल से पैसों की कमी से जूझना पड़ रहा है. यह दावा है कि एमईएस बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया का. एसोसिएशन के सदस्यों का दावा है कि उनके लगभग दो हजार करोड़ का भुगतान अटका हुआ है. हालात ये है कि राफेल आने को तैयार है लेकिन उनके लिए हैंगर बनाने को पैसा नहीं है. नतीजतन करोड़ों के राफेल खुले में पड़े रहेंगे.

ग्वालियर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कपूर ने कहा कि टेंडर हुए हैं लेकिन राफेल के काम के लिए अलग से कोई फंड नहीं रखा गया है, इसलिए कई काम शुरू नहीं हो पाए. कई काम शुरू हुए लेकिन धीमे से अब बीच में आकर बंद हैं. राफेल अंबाला और हाशिमारा में आना है लेकिन कोई इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं है. रन-वे में ओपन में पड़े रहेंगे. उनके लिए जो हैंगर बने हैं वो कुछ तैयार नहीं हैं. उनकी मेंटनेंस नहीं कर पाएंगे.

कपूर ने कहा कि अगर आज एमईएस भुगतान नहीं कर पा रही है तो इसका मतलब है कि उसके पास पैसा नहीं है. सरकार उनको पीछे से पैसा नहीं दे रही है. करीब 2000 करोड़ रुपये अटके हैं जिसकी वजह से लगभग 10000 करोड़ रुपये का काम देशभर में प्रभावित हो रहा है.

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उन्होंने कहा कि सीडीएस की वजह से ये दिक्कत हो रही है. उनकी नियुक्ति हो गई लेकिन उनके नीचे का प्रशासनिक तंत्र नहीं बना. इसकी वजह से उनके नीचे जो भी आता है जैसे एमईएस, वह सब रुका हुआ है.

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