नोटबंदी : विपक्ष ने किया भारी हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित

नोटबंदी : विपक्ष ने किया भारी हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • मोदी के बयान का कड़ा विरोध,‘प्रधानमंत्री माफी मांगो’ के नारे लगाए
  • कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्यों ने जमकर की नारेबाजी
  • कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई
नई दिल्ली:

बड़े नोटों को अमान्य करने के केंद्र सरकार के निर्णय को लेकर लोकसभा में पिछले कई दिन से हंगामा कर रहे विपक्ष ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान पर कड़ा विरोध जताया और ‘प्रधानमंत्री माफी मांगो’ के नारे लगाए. सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.

विपक्षी दलों के सदस्य सदन में कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग करने के साथ-साथ नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आज दिए एक बयान का विरोध कर रहे थे. सदन की कार्यवाही सुबह शुरू होने पर इस विषय को लेकर अपनी मांगों के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे.

एक समारोह में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान पर आपत्ति व्यक्त करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा, वह ठीक नहीं है. उन्हें सदन में बोलना चाहिए क्योंकि सत्र चल रहा है.

मोदी ने आज सुबह एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि नोटबंदी के फैसले से पहले तैयारी नहीं होने का आरोप लगाते हुए सरकार की आलोचना कर रहे लोगों की पीड़ा यह है कि उन्हें खुद तैयारी का वक्त नहीं मिला. अगर उन्हें 72 घंटे का समय तैयारी के लिए मिल जाता तो वह प्रधानमंत्री की तारीफ करते.

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों को ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ, हिम्मत है तो सदन में बोलो’ के नारे लगाते सुना गया. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया और सदन की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया. इस दौरान कुछ प्रश्न भी लिए गए और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिए. हालांकि विपक्षी सदस्यों का शोरशराबा जारी रहा. व्यवस्था बनते नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

इसी बीच सदन में उस समय अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक व्यक्ति ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के फौरन बाद दर्शक दीर्घा से नीचे कूदने का प्रयास किया लेकिन सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ कर काबू में कर लिया. बाद में लोकसभा अध्यक्ष ने जानकारी दी कि कूदने का प्रयास करने वाला शख्स मध्यप्रदेश के शिवपुरी के गांव निजामपुर का रहने वाला राकेश सिंह बघेल है जिसे सुरक्षा अधिकारियों की पूछताछ के बाद चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता है.

दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. अध्यक्ष ने शोर-शराबे के बीच ही आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए और कुछ सदस्यों को शून्यकाल के तहत लोकमहत्व से जुड़े मुद्दे उठाने का मौका दिया.

इस दौरान कांग्रेस नेता खड़गे और तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय अपनी बात रखना चाह रहे थे लेकिन अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि ‘‘आप आसन के समीप आकर नारेबाजी करें और बोलना भी चाहें.., यह नहीं हो सकता.’’ हालांकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य जब आसन के पास से पीछे चले गए तो अध्यक्ष ने सुदीप बंदोपाध्याय को बोलने का मौका दिया. वहीं उन्होंने खड़गे को बोलने का मौका नहीं दिया और कहा, ‘‘एक तरफ आपके सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करेंगे, कागज फाड़ेंगे और दूसरी तरफ आप बोलना भी चाहते हैं.., यह नहीं हो सकता.’’ तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान ने विपक्ष की भावनाओं को आहत किया है और उन्हें बयान वापस लेकर माफी मांगनी चाहिए. इस पर सत्तापक्ष की ओर से सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया.

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों समेत विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12 बजकर 40 मिनट पर सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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