दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार का जनलोकपाल बिल दिल्ली विधानसभा में चर्चा के गुरूवार को पेश किया जाएगा। ये बिल सोमवार को सदन में पेश किया गया था। माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार इस बिल को शुक्रवार को पास करवाने की कोशिश करेगी क्योंकि शुक्रवार को विधान सत्र का आखिरी दिन है।
दिल्ली सरकार ने जो बिल पेश किया वो खास्तौर से अरविन्द केजरीवाल के पूर्व सहयोगियों प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव के निशाने पर था, जो लोकपाल की नियुक्ति और हटाने के तरीके में सरकार के रोल की सबसे ज्यादा आलोचना कर रहे थे।
केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी इस बिल को सबसे बढ़िया और रामलीला मैदान 2011 वाला ही बिल बता रहे थे, लेकिन लोकपाल आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा रहे अण्णा हज़ारे ने जब इस बिल में कुछ कमी बताई और अपने सुझाव दिए तो सीएम केजरीवाल ने कहा अण्णा के सभी सुझाव लागू किए जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक़ जनलोकपाल बिल में अण्णा के सुझावों के मुताबिक़ ही ये तीन संशोधन किए जाएंगे-
- सेलेक्शन पैनल में 4 की बजाए 6 लोग रखे जाएंगे, एक रिटायर्ड हाईकोर्ट जज और एक जानी मानी हस्ती और शामिल की जाएंगी जिससे लोकपाल चुनने वालों में आधे नेता और आधे गैर राजनैतिक लोग होंगे।
- लोकपाल को हटाने के लिए पहले हाईकोर्ट के जज से आरोपों की जांच ज़रूरी होगी।
- शिकायत गलत/निराधार मिलने पर शिकायतकर्ता को सज़ा या जुर्माना दोनों में से एक ही दंड मिलेगा। जबकि अभी दोनों का प्रावधान है।
अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे योगेन्द्र यादव ने ट्वीट करके कहा है कि 'आप सरकार को बधाई और समर्थन देंगे, अगर वो 2014 का लोकपाल बिल लाते हैं तो, क्या उनको उस बिल पर भरोसा नहीं जिस पर अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफ़ा दिया था?' वैसे सदन के बाहर कांग्रेस भी केजरीवाल सरकार के जनलोकपाल बिल को कमज़ोर बता रही है और गुरुवार को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन विरोध प्रदर्शन करने वाली है।