सार्वजनिक की गई फाइलों से हुआ खुलासा, रूस में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ठहरने का कोई रिकॉर्ड नहीं

सार्वजनिक की गई फाइलों से हुआ खुलासा, रूस में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के ठहरने का कोई रिकॉर्ड नहीं

नेताजी सुभाषचंद्र बोस (फाइल फोटो)

खास बातें

  • नेताजी के रूस जाने और ताईपेई में हादसे में मारे जाने की धारणा को चुनौती
  • जनवरी 1992 में रूसी फेडरेशन के विदेश मंत्रालय ने लिखा था पत्र
  • करीब 70 साल पहले नेताजी का लापता होना अब भी रहस्य
नई दिल्ली:

नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी 25 नई फाइलों से पता चला है कि इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है कि 1945 में नेताजी सोवियत संघ में ठहरे थे. यह फाइलें आज जारी की गईं. यह खुलासा इस धारणा को चुनौती देता है कि नेताजी विमान से रूस गए थे और 1945 में ताइपेई में हुए एक विमान हादसे में नहीं मारे गए थे.

मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास को आठ जनवरी 1992 को लिखे गए पत्र में रूसी फेडरेशन के विदेश मंत्रालय ने कहा है, ‘‘...केंद्रीय एवं रिपब्लिकन अभिलेखागारों के डेटा के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाषचंद्र बोस के 1945 और इसके बाद सोवियत संघ में ठहरने के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है.’’ करीब 70 साल पहले नेताजी का लापता होना अब भी रहस्य बना हुआ है. दो जांच आयोगों ने कहा है कि नेताजी 18 अगस्त 1945 को ताईपेई में एक विमान हादसे में मारे गए थे जबकि न्यायमूर्ति एमके मुखर्जी आयोग ने इस निष्कर्ष को चुनौती देते हुए कहा था कि बोस जीवित हैं.

25 फाइलों का छठा बैच ऑनलाइन जारी किया गया
केंद्रीय संस्कृति सचिव एनके सिन्हा ने नेताजी से जुड़ी 25 फाइलों का छठा बैच ऑनलाइन जारी किया. 25 फाइलों का यह मौजूदा बैच 1952-2014 के दौरान विदेश मंत्रालय से जुड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी की 119वीं जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को उनसे जुड़ी 100 फाइलों का पहला बैच सार्वजनिक किया था. 50 फाइलों का दूसरा बैच मार्च में जारी किया गया था और उसके बाद के महीनों में 25-25 फाइलों का बैच जारी किया जाता रहा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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