सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जिसे जो करना है करे; 31 अगस्त तक NRC का प्रकाशन हो जाए

वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सन 1971 से पहले जिनका जन्म हुआ उनका जन्म प्रमाणपत्र भी मान्य हो, विदेश जाकर लौट आने वाले भी शामिल हों

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जिसे जो करना है करे; 31 अगस्त तक NRC का प्रकाशन हो जाए

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई (प्रतीकात्मक फोटो).

खास बातें

  • प्रतीक हजेला ने कहा- 1971 तक देश में बसे होने का सबूत देने वाले शामिल
  • कोर्ट ने कोआर्डिनेटर प्रतीक हजेला से शुक्रवार तक रिपोर्ट मांगी
  • मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर आदेश जारी करेगा
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने असम के एनआरसी संयोजक प्रतीक हजेला से डिटेल मांगे. हजेला ने कहा कि हमें कुछ गड़बड़ियां मिली थीं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें मालूम है कि हमारे आदेशों पर हर पल सभी बहस और आलोचना करते रहे. जिसको जो करना है करे लेकिन हम 31 अगस्त तक एनआरसी का प्रकाशन चाहते हैं.

वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि सन 1971 से पहले जिनका जन्म हुआ उनका जन्म प्रमाणपत्र भी मान्य हो. जो विदेश चले गए थे लेकिन वे या उनके बच्चे अब लौटकर आ गए हैं तो उनको भी एनआरसी में शामिल होने से मना न किया जाए. इस पर प्रतीक हजेला ने कहा कि सन 1971 तक जिन लोगों के परिजन देश के किसी भी हिस्से में बसे होने का सबूत पेश कर देंगे उन्हें हम एनआरसी में शामिल कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अंतिम एनआरसी को 31 अगस्त या उससे पहले प्रकाशित किया जाना चाहिए. कोर्ट ने एनआरसी समन्वयक को विवादास्पद मुद्दों पर एक नोट देने को  कहा और कहा कि सुप्रीम कोर्ट अगले सप्ताह आदेश पारित करेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने असम में NRC की डेडलाइन को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त किया

सुप्रीम कोर्ट ने कोआर्डिनेटर हजेला से कहा कि वे अपनी रिपोर्ट शुक्रवार तक सुप्रीम कोर्ट में दें. मंगलवार को कोर्ट इस पर आदेश जारी करेगा.

VIDEO : असम में तैयार हो रहे एनआरसी पर बीजेपी को भरोसा नहीं

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com