वेदों के बारे में उस भाषा में समझाया जाए जिसे आज के लोग समझ सकें : मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने हिन्दू धर्म के सबसे पुराने धर्मग्रंथ वेदों के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत जताई

वेदों के बारे में उस भाषा में समझाया जाए जिसे आज के लोग समझ सकें : मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत (फाइल फोटो).

खास बातें

  • वेदों में उच्च गुणवत्ता का ज्ञान जिसे साबित करने की जरूरत नहीं
  • वेदों का जो मौजूदा रूप हजारों वर्ष पहले का
  • उस समय की और आज के समय की भाषा में अंतर
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वेदों के बारे में जागरूकता उस भाषा में फैलानी चाहिए जो आज की दुनिया के लोग समझते हैं. वेद हिन्दू धर्म के सबसे पुराने धर्मग्रंथ हैं जो वैदिक संस्कृत में हैं.

भागवत ने जोर देकर कहा कि वेदों में उच्च गुणवत्ता का ज्ञान है जिसको ना ‘किसी प्रमाण पत्र’ की जरूरत है और न ही साबित करने की. उन्होंने कहा कि लोगों को इस विश्व को बेहतर स्थान बनाने के लिए इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है.

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संघ प्रमुख ने कहा कि वेदों का जो रूप आज मौजूद है, वह हजारों वर्ष पहले का है. भागवत ने कहा, ‘‘ उस समय और आज के समय की भाषा में अंतर है... हमें लोगों को वेद उस भाषा में समझाना है, जो आधुनिक विश्व समझता है.’’ संघ प्रमुख यहां गुरुवार को ‘भारतमा अशोकजी सिंघल वैदिक पुरस्कार 2017’ को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे.
(इनपुट भाषा से)


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