जम्मू-कश्मीर: 370 और 35A हटाने को लेकर कांग्रेस में दो राय, इन नेताओं ने किया समर्थन

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव जब राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया तो समर्थन और विरोध में लोग खुलकर सामने आने लगे.

जम्मू-कश्मीर: 370 और 35A हटाने को लेकर कांग्रेस में दो राय, इन नेताओं ने किया समर्थन

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर कांग्रेस में अलग-अलग राय

खास बातें

  • अनुच्छेद 370 पर बंटी नजर आई कांग्रेस पार्टी
  • कई नेताओं ने इस कदम का किया स्वागत
  • कांग्रेस पार्टी ने सदन में किया था इसका विरोध
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का प्रस्ताव जब राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया तो समर्थन और विरोध में लोग खुलकर सामने आने लगे. सरकार को इस कदम पर उम्मीद से बेहतर समर्थन मिला. इस मसले पर कांग्रेस सदन के अंदर ज्यादा मजबूत नजर नहीं आई. शाम होते-होते पार्टी इस मसले पर बंटी हुई नजर आई. कांग्रेस के कई नेताओं ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया. इस लिस्ट में हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर सीनियर कांग्रेसी जनार्दन द्विवेदी शामिल हैं. दीपेंद्र हुड्डा ने तो इस अनुच्छेद को लेकर ट्वीट किया कि 21वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है. हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया. अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक अखबार की पुरानी खबर भी ट्वीट की थी, जिसमें उनके हवाले से 370 हटाने की वकालत की गई थी. 

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मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है. पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए. 

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उनके अलावा जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि राम मनोहर लोहिया भी इसके समर्थन थे. द्विवेदी ने कहा कि मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया शुरू से ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते थे. हम लोग छात्र आंदोलन में इसका विरोध किया करते थे. जहां तक मेरा व्यक्तिगत विचार है तो उसके हिसाब से यह एक राष्ट्रीय संतोष की बात है.