सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक की मुहिम के तहत इन चीजों पर दो अक्टूबर से लग जाएगी पाबंदी

मुहिम के जरिए पर्यावरण मंत्रालय का जोर रीसाइकिल के साथ-साथ कुछ आइटमों पर पाबंदी लगाने पर

सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक की मुहिम के तहत इन चीजों पर दो अक्टूबर से लग जाएगी पाबंदी

दो अक्टूबर से देश में प्लास्टिक के कई सामग्रियों पर प्रतिबंध लग जाएगा.

खास बातें

  • दो अक्टूबर से रेलवे प्लेटफार्म और ट्रेन में प्लास्टिक होगा नदारद
  • प्लास्टिक को लेकर रेल मंत्रालय द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए
  • सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट का विकल्प तलाशा जा रहा
नई दिल्ली:

दो अक्टूबर से सिंगल यूज़ प्लास्टिक को लेकर शुरू होने वाली मुहिम के मद्देनजर पर्यावरण मंत्रालय ने तमाम राज्यों से लेकर दफ्तरों को चिट्ठी लिखी है. सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बने प्रोडक्ट और इसके इस्तेमाल का दायरा काफी बड़ा है, लिहाज़ा जानना ज़रूरी है कि पाबंदी की शुरुआत का पहला चरण किस-किस प्रोडक्ट से शुरू होगा. कचरे के किसी भी ढेर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के प्रोडक्ट की कमी नहीं. मुहिम के जरिए मंत्रालय का जोर रीसाइकिल के साथ-साथ कुछ आइटमों पर पाबंदी पर भी है.

एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत में पर्यावरण मंत्रालय के सचिव सीके मिश्रा ने कहा कि 'जो सिंगल यूज़ प्लास्टिक है वह डिफाइंड है कि कौन-कौन से आइटम हैं जो एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिए जाते हैं. वे समुद्र में न जाएं, वे नदी में न जाएं, सड़कों पर न जाएं, बल्कि रीसाइकिलिंग यूनिटों में जाएं. इसकी व्यवस्था हमें करनी है और यह कैंपेन हम चला रहे हैं. हर राज्य ने अपने-अपने तरीके से कानून बनाया है, कुछ राज्यों ने प्रतिबंधित किया है, कुछ राज्यों ने प्रोडक्शन को देख है. विभिन्न राज्यों के विभिन्न तरह के नोटिफिकेशन हैं. हमारा उद्देश्य यह है कि जब दो अक्टूबर से अभियान चलेगा तो प्लास्टिक रीसाइकिलिंग के लिए भेजें.'

पाबंदी लगने वाले आइटम
1. सभी तरह के प्लास्टिक के कैरी बैग
2. प्लास्टिक कटलरी के तहत आने वालीं प्लेट, प्लास्टिक कप, ग्लास, स्ट्रॉ, स्टिर्रेर्स (stirrers)
3. थर्मोकोल से बनने वाले कटलरी और डेकोरेटिव शामिल

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दो अक्टूबर के बाद प्लेटफार्म से लेकर ट्रेन के भीतर भी सिंगल यूज़ प्लास्टिक नदारद होंगे. रेल मंत्रालय के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेयी ने कहा कि 'प्लास्टिक को लेकर दिशा निर्देश रेल मंत्रालय द्वारा जारी कर दिया गया है. यह दो अक्टूबर से प्रभावी होंगे. जो हमारी बॉटल हैं या और भी प्लास्टिक की चीजें जो आईआरसीटीसी यूज़ करती है उसकी एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी के तहत उसको भी निर्देश दिया गया है कि वे डिसाइड करें कि कैसे उसको रीयूज साइकिल करना है.'

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वहीं तमाम सरकारी विभागों में मुहिम को सफल बनाने को लेकर चिंतन-मंथन का दौर तो शुरू हो गया है. नीतियां भी बनाई जा रही हैं और सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट का विकल्प भी तलाशा जा रहा है.

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