अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद के साथ पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाहयान इस बार गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि हैं. उनका भारत आना कई मायनों में अहम माना जा रहा है क्योंकि कई बड़े समझौतों पर दस्तखत होने की भी उम्मीद है. इनमें से अहम है 75 बिलियन डॅालर का एनआईआईएफ (नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड). इस एमओयू पर सहमति अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त अरब अमीरात दौरे के वक्त ही हो गई थी, लेकिन अब तक इस पर दस्तखत नहीं हुए हैं. विदेश मंत्रालय में सेक्रेटरी ईआर अमर सिन्हा के मुताबिक इस पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और निवेश कहां कैसे करना है इस समझौते में साफ हो जाएगा.
हालांकि संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत नवदीप सूरी के मुताबिक इस समझौते के अलावा भारत में यूएई की कंपनियों ने करीब चार बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जिनमें कोच्ची के स्मार्ट सिटी, चेन्नई में प्रीफैब्रीकेटेड स्ट्रक्चर्स, रियल एस्टेट आदि शामिल हैं.
क्या आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ 34 देशों के संयुक्त मोर्चे में भारत के शामिल होने के बारे में कोई बात हुई है, ये पूछे जाने पर अमर सिन्हा ने कहा कि ये मुद्दा कभी नहीं उठा. हालांकि कांधार में जिस तरह आतंकी हमले में यूएई के पांच राजनयिक मारे गए उससे साफ है कि सबका शत्रु एक ही है.
खतरों के बारे में जानकारी तो साझा की ही जाती है. इनके अलावा, एनर्जी सिक्योरिटी, सुरक्षा साज़ो सामान को बेचने, व्यापार, राजनयिकों के लिए आसान वीज़ा नियम, पर्यटन आदि पर भी बातचीत होगी. शेख बिन ज़ायेद के साथ एक लंबा चौड़ा बिज़नेस डेलीगेशन भी होगा.