यह ख़बर 28 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

हजारे के अनशन तोड़ने का गवाह बने हजारों

खास बातें

  • हजारों की तादाद में लोग इस लम्हे का गवाह बनने के लिए पहुंचे और जहां तक नजर जा रही थी, मैं हूं अन्ना लिखी सफेद टोपियां ही दिखाई दे रहीं थीं।
New Delhi:

गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन तोड़ने से पहले ही दिल्ली का रामलीला मैदान खचाखच भर गया था और बाहर तक लंबी लंबी कतारे लगी रहीं। हजारों की तादाद में लोग इस लम्हे का गवाह बनने के लिए पहुंचे और जहां तक नजर जा रही थी, मैं हूं अन्ना लिखी सफेद टोपियां ही दिखाई दे रहीं थीं। हजारे ने सुबह करीब सवा 10 बजे अपना अनशन तोड़ा। बीते 16 अगस्त को हिरासत में लिए जाने और फिर 18 अगस्त से उनके रामलीला मैदान में पहुंचने के बाद से लोग उनका समर्थन जताने के लिए यहां बड़ी संख्या में पहुंचते रहे हैं। हालांकि अनशन टूटने और अन्ना के संबोधन के बाद मैदान में थोड़ी भगदड़ की स्थिति मच गई और आगे की ओर खड़े लोग मंच के पास पहुंचने के लिए मीडिया घेरे के अंदर तक पहुंच गए, इस अफरा-तफरी में कुछ लोग मामूली चोटिल हुए तथा कार्यकर्ताओं को भी व्यवस्था संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कड़ी धूप के कारण भी दर्जन भर लोग बेहोश हो गए, जिन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन और आसपास के करीब एक किलोमीटर तक सभी रास्तों पर अन्ना के समर्थकों का हुजूम दिखाई दिया। मैदान के तीन द्वारों पर लोग अंदर जाने के लिए प्रतीक्षारत थे। इनमें युवाओं और बच्चों की संख्या काफी ज्यादा रही। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की एक वजह आज रविवार का होना भी है। अनशन का आज 13वां दिन था और संभवत: रामलीला मैदान पूरे आंदोलन में सबसे ज्यादा समर्थकों का साक्षी बना। बीती रात करीब 9.30 बजे हजारे की ओर से अनशन तोड़ने का एलान किए जाने के बाद से ही रामलीला मैदान में जश्न का सिलसिला शुरू हो गया था। यहां लोग हाथों में तिरंगा लिए हुए नारेबाजी करते देखे जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ ने यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।


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