नई दिल्ली: एक शोधार्थी के यौन उत्पीड़न मामले को दबाने की कोशिश का आरोप झेल रहे सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल वॉल्सन थंपू मीडिया से मुखातिब हुए। थंपू ने इस दौरान अपना बचाव किया और आरोप लगाया कि कुछ लोग लड़की को हथियार बनाकर उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। साजिशकर्ताओं की संख्या तीन है।
थंपू ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस ऑडियो क्लिप का हवाला दिया जा रहा है वो किसी के कहने पर साजिश के तहत स्टिंग किया गया, जबकि उसका जिक्र पुलिस और कॉलेज की शिकायत में क्यों नहीं था? उन्होंने कहा, लड़की ने समझौते का प्रस्ताव खुद रखा था, क्योंकि वो पीएचडी अपनी शर्तों पर करना चाहती है। मेरे साथ जानवरों जैसा वर्ताव किया जा रहा है। इतना ही नहीं उनका कहना है कि उन्हे फंसाने की यह तीसरी कोशिश है। थंपू चाहते हैं कि इस मामले की सीबीआई जांच हो, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
थंपू का कहना है कि हालांकि उनके कार्यकाल के 7 महीने और बचे हैं, ऐसे में वो गलत आरोपों के आधार पर इस्तीफा नहीं देंगे। इस दौरान उनके साथ अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमल फारूखी और स्वामी अग्निवेश भी थे।