बाबरी मस्जिद केस : जानिए क्या है पूरा मामला...

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में मंगलवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं- लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को नोटिस जारी किया। न्यायालय ने उन्हें यह नोटिस इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है, जिसमें 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में दोनों नेताओं को आपराधिक षड्यंत्र के आरोप से मुक्त कर दिया गया था।

जानिए क्या है पूरा मामला...
- 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद गिराई गई
- मामले में दो FIR दर्ज
- पहली FIR में लाखों अज्ञात कार सेवक नामजद
- दूसरी FIR में लालकृष्‍ण आडवाणी समेत कई लोग नामजद
- FIR के अनुसार आडवाणी के भड़काऊ भाषण की वजह से मस्जिद गिराई गई
- राय बरेली की कोर्ट में चले मामले
- बाद में दोनों मामलों को इकट्ठा सीबीआई को सौंपा गया
- सीबीआई ने 5 अक्टूबर 1993 को चार्जशीट दाख़िल की
- 12 फ़रवरी 2001 को तकनीकी ख़ामियों की वजह से दोनों केस अलग हो गए
- 4 मई 2001 को सेशन कोर्ट ने आडवाणी और अन्य के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश के आरोप हटाए
- 20 मई 2010 को  इलाहाबाद हाइकोर्ट ने सेशन कोर्ट का आदेश बरकरार रखा
- 20 मई 2010 को  CBI की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज
- नौ महीने की देरी के बाद सुप्रीम कोर्ट में CBI की अपील

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com