पाकिस्‍तान में कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा : जानें पूरा घटनाक्रम

पाकिस्‍तान में कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा : जानें पूरा घटनाक्रम

कुलभूषण जाधव (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

पाकिस्तान में भारतीय जासूस होने के आरोप में मार्च 2016 में गिरफ्तार किए गए कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई है. इसका ऐलान सोमवार को किया गया. इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने जाधव को मौत की सजा सुनाई. सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने इसकी पुष्टि की. आईएसपीआर ने एक संक्षिप्त बयान में कहा है कि भारतीय नौसेना का अधिकारी जाधव भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़ा था, जो हुसैन मुबारक पटेल नाम का इस्तेमाल करता था. जानें मामले का पूरा घटनाक्रम.

मार्च 2016 : कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया गया. उनको पकड़े जाने की खबरें तो 3 मार्च को ही मिल गई थी लेकिन उनकी गिरफ्तारी की आधिकारिक घोषणा 24 मार्च को की गई. पाकिस्‍तानी सेना ने जाधव के रॉ का एजेंट होने का दावा किया. बलूचिस्‍तान के गृह मंत्री सरफराज बुगती ने मार्च में ही घोषणा की जाधव को बलूचिस्‍तान के सुदूर पूर्वी इलाके से पकड़ा गया है. वहीं पाकिस्तानी सेना की सैन्य इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डीजी जनरल असीम बाजवा ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा था कि जाधव को सारवां से पकड़ा गया था जो कि जहीदां के दक्षिण-पूर्व में पाकिस्‍तान-ईरान सीमा पर स्थित है. दोनों स्‍थानों के बीच सड़क मार्ग से दूरी 868 किलोमीटर है.

26 मार्च 2016 : पाकिस्‍तान के विदेश विभाग ने भारतीय उच्‍चायुक्‍त को तलब किया और बयान जारी किया. बयान के अनुसार, 'आज (शुक्रवार को) विदेश सचिव ने भारतीय उच्‍चायुक्‍त को तलब किया और एक डिमार्शे के जरिए एक रॉ अधिकारी के पाकिस्‍तान में गैरकानूनी रूप से प्रवेश, और साथ ही बलूचिस्‍तान और कराची में विध्‍वंसकारी गतिविधियों में उसकी संलिप्‍तता को लेकर अपना विरोध जताया और गहरी चिंता व्‍यक्‍त की.'

जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विकास स्‍वरूप ने कहा, 'बताए गए शख्‍स (कुलभूषण जाधव) का सरकार से कोई संबंध नहीं है क्‍योंकि उन्‍होंने समय से पहले ही भारतीय नौसेना से रिटायरमेंट ले ली थी (कहा जाता है कि साल 2002 में ही जाधव ने भारतीय नौसेना से रिटायरमेंट ले ली थी और तब से वो अपना व्‍यापार कर रहे थे). हमने वकीली के जरिए जाधव तक पहुंचने की अनुमति मांगी है. उन्‍होंने कहा, 'किसी अन्‍य देश के आंतरिक मामलों में दखल देने में भारत की कोई रुचि नहीं है और हमें यकीन है कि स्थिर और शांतिपूर्ण पाकिस्‍तान पूरे क्षेत्र के हित में है.' हालांकि भारत को जाधव तक पहुंच की इजाजत नहीं मिली.

29 मार्च 2016 : जाधव के इकबालिया बयान का एक वीडियो पाकिस्‍तान सरकार ने जारी किया. वीडियो में उसे कहते हुए देखा जा सकता है कि वह भारतीय नौसेना का अधिकारी और रॉ के लिए काम करता है. उसकी गिरफ्तारी और घोषणा के बीच करीब तीन हफ्ते का अंतराल और कुछ अन्‍य कारकों ने भारतीय अधिकारियों के सामने वीडियो की प्रमाणिकता पर सवाल खड़े किये. भारत सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्‍तानी अधिकारियों ने शायद जाधव को टॉर्चर कर या उस पर थर्ड डिग्री का इस्‍तेमाल कर उससे इकबालिया बयान लिया हो.

अप्रैल 2016 : बलूचिस्‍तान की सरकार ने जाधव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जिसमें आतंकवाद और विध्‍वंस के आरोप लगाए गए.

7 दिसंबर 2016 : जांच के दौरान विदेश मामलों में पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने सीनेट चैंबर से कहा कि जाधव के विषय में दिया गया डॉजियर में केवल कुछ बयान भर हैं और उसपर पर्याप्‍त सबूत नहीं दिए गए हैं. हालांकि उन्‍होंने जाधव के रॉ एजेंट होने के आरोपों से इनकार नहीं किया और सबूतों के अभाव में मामले को पाकिस्‍तानी अधिकारियों के लिए छोड़ दिया ताकि वो जाधव के विषय में और जानकारी इकट्ठा कर सकें.

3 मार्च 2017 : अजीज अपने पुराने बयान से पलट गए कि जाधव को लेकर पर्याप्‍त सबूत नहीं हैं. पाकिस्‍तानी सीनेट को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि जाधव को किसी भी हालत में भारत प्रत्‍यर्पित नहीं किया जाएगा.

4 अप्रैल 2017 : एक गुप्‍त सुनवाई में जाधव को मौत की सजा सुनाई गई. आईएसपीआर ने जाधव की मौत की सजा के विषय में आधिकारिक बयान जारी किया.


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