यह ख़बर 07 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता दाभोलकर की हत्या की जांच में पुलिस ने ली थी तांत्रिकों की मदद‍!

फाइल फोटो

मुंबई:

अंधविश्वास और धर्म की आड़ में धंधा चलाने वाले लोगों के खिलाफ सारी जिंदगी लड़ाई लड़ने वाले नरेंद्र दाभोलकर की पिछले साल अगस्त महीने में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। 67 वर्षीय दाभोलकर की मौत के मामले की जांच के मामले में कुछ नए खुलासे हो रहे हैं।

अब पता चला है कि तत्कालीन पुलिस आयुक्त गुलाबराव पोल ने मामले की जांच में कथित रूप से कुछ बाबाओं और तांत्रिकों की सेवा ली थी और इनका इस्तमाल 'आत्माओं से संपर्क' साधने में किया, जिससे कि मामले को सुलझाने के कुछ सूचनाएं मिल सके।

दाभोलकर के बेटे हामिद ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री आरआर पाटिल से इन आरोपों की जांच की मांग की है। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

हमें प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पुलिस आयुक्त की इजाजत से एक सेल गठित की गई थी, जिसका काम कथित रूप से आत्माओं से संपर्क साधना था। इस सेल में पूर्व पुलिस कांस्टेबल और स्वयंभू बाबा मनीष ठाकुर को शामिल किया गया था। हालांकि एनडीटीवी से उन्होंने कहा, 'लोग मेरा आर्शीवाद लेने आते हैं। लेकिन एक ईसाई होने के नाते, मैं तांत्रिक और बाबाओं में विश्वास नहीं करता है।'

वहीं इस संबंध में एनडीटीवी ने जब पोल से सवाल किया तो उन्होंने इस खबर को झूटा करार दिया। उन्होंने कहा, 'यह बहुत बड़ा बकवास, झूठी और मनगढ़ंत कहानी है।'

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गौरतलब है कि अंध विश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले दाभोलकर की पिछले साल अगस्त महीने में सुबह की सैर के दौरान दो अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। घटना के एक साल बाद भी पुलिस इस मामले को सुलझाने में नाकाम रही है और अब कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द कर दी है।