आप के 21 विधायकों पर सुनवाई : आज इन चार अहम मामलों पर रहेगी नजर

आप के 21 विधायकों पर सुनवाई : आज इन चार अहम मामलों पर रहेगी नजर

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली:

आज (गुरुवार) अरुणाचल प्रदेश मामले में केंद्र या मुख्यमंत्री कलिखो पुल सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका या स्पस्टता के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। दूसरी ओर देशभर में मेडिकल (एमबीबीएस) और बीडीएस (बीडीएस) के दाखिले के लिए एक ही परीक्षा नीट (NEET) के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। वहीं, 2008 में नागपुर मे चार साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में फांसी की सजायाफ्ता वसंत संपत दुपारे की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति लाभ का पद है या नहीं। इस पर आज चुनाव आयोग में सुनवाई होगी।

1. अरुणाचल प्रदेश मामले में केंद्र या मुख्यमंत्री कलिखो पुल सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका या स्पस्टता के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को अंसवैधानिक करार देते हुए कांग्रेस की सरकार को बहाल कर दिया है।

2. देशभर में मेडिकल (एमबीबीएस) और बीडीएस (बीडीएस) के दाखिले के लिए एक ही परीक्षा नीट (NEET) के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। जस्टिस एल. नागेश्वर राव ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। वह पहले इस केस में पैरवी कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सारे सरकारी और प्राइवेट कालेजों मे इसी साल से नीट लागू करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने 24 मई को एक अध्यादेश जारी किया था और इसके जरिए राज्य सरकारों को अपने कालेजों में इस साल के लिए नीट से छूट दे दी गई थी। इसी अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती। इसलिए अध्यादेश को रद्द किया जाए। साथ ही याचिका में देशभर में सेंट्रल काउंसिलिंग की व्यवस्था करने की मांग की है। दरअसल, 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए नीट को लागू कर दिया था और इसके बाद राज्यों और प्राइवेट कालेजों की पुर्नविचार याचिका भी खारिज कर दी थी।

3. 2008 में नागपुर मे चार साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में फांसी की सजायाफ्ता वसंत संपत दुपारे की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दुपारे को ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट और फिर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषी ने ऐसा अपराध कर समाज की अंतरात्मा पर गहरी चोट की है।

4. दिल्ली की केजरीवाल सरकार के 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति लाभ का पद है या नहीं। इस पर आज चुनाव आयोग में सुनवाई होगी। आम आदमी पार्टी के सभी 21 विधायक अपने वकीलों के साथ आयोग के सामने अपना पक्ष रखकर बताएंगे कि आख़िर क्यों उनका पद लाभ के पद के दायरे में नहीं आता है। यह ही नहीं, चुनाव आयोग आज दिल्ली सरकार और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें इन दोनों पक्षों ने खुद को इस मामले में पार्टी बनाने की मांग की है। 13 मार्च 2015 को केजरीवाल सरकार ने आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को मंत्रियों के संसदीय सचिव बनाने की घोषणा कर नोटिफ़िकेशन जारी किया था, जबकि पहले दिल्ली में सीएम के संसदीय सचिव का पद ही हुआ करता था।


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