यह ख़बर 08 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

उत्तरकाशी : सेना के हेलीकॉप्टर कर रहे हैं मदद; अब तक 28 की मौत, 20 हजार बेघर

खास बातें

  • उत्तरकाशी में बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की तादाद 28 बताई जा रही है जबकि क़रीब 20 हजार लोग बेघर हो चुके हैं। कई इलाकों में सड़कें पूरी की पूरी टूट चुकी हैं जिससे राहत और बचाव का काम बड़ी मुश्किल से चल पा रहा है।
उत्तरकाशी:

उत्तरकाशी में बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की तादाद 28 बताई जा रही है जबकि क़रीब 20 हजार लोग बेघर हो चुके हैं। कई इलाकों में सड़कें पूरी की पूरी टूट चुकी हैं जिससे राहत और बचाव का काम बड़ी मुश्किल से चल पा रहा है।

एनडीटीवी ने इन इलाकों का हवाई दौरा कर हालात का जायज़ा लिया।

घटना के दिन पांच गुना फैली भागीरथी ने अपने किनारे के क़रीब 150 मकान मिट्टी में मिला दिए। अब भी सैकड़ों मकान हैं जिनके नीचे की बुनियाद हिल चुकी है और तेज़ बारिश का एक दौर ही उन्हें नदी में मिला सकता है।

बारिश से आई इस त्रासदी से इलाके के क़रीब 20 हज़ार लोग प्रभावित हुए हैं। करीब आठ सौ तीर्थयात्री अब भी जगह-जगह फंसे हुए हैं। 20 गांव अब भी मुख्य सड़कों से कटे हुए हैं। बारिश के बाद कई जगह पूरी की पूरी सड़क ही नदी में समा गई।

बीआरओ के जवान अब दिन-रात मेहनत कर सड़कें खोलने या फिर उन्हें नए सिरे से तैयार करने में जुटे हैं ताकि ज़रूरत वाले इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा सके।

जिन इलाकों में सड़क संपर्क बहाल होने में वक्त लग रहा है वहां हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री भिजवाई जा रही है।

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भगीरथी नदी अब भी कई जगह ख़तरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही है। स्थानीय स्कूलों को हफ़्तेभर के लिए बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार के मुताबिक इस आपदा में क़रीब छह सौ करोड़ का नुकसान अभी तक हो चुका है जिसके लिए केंद्र सरकार ने मदद का आश्वासन दिया है।