यह ख़बर 14 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

त्रिवेदी की जगह मुकुल रॉय को बनाएं रेल मंत्री : ममता

खास बातें

  • ममता बनर्जी ने एक चिट्ठी पीएम को लिखकर कहा है कि दिनेश त्रिवेदी की जगह मुकुल रॉय को रेल मंत्री बनाया जाए। ममता बनर्जी ने रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी और पार्टी नेता मुकुल रॉय को कोलकाता तलब किया है।
नई दिल्ली:

रेल बजट में यात्री किरायों में की गई बढ़ोतरी से अपनी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नाखुशी जताने के चलते रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि ममता बनर्जी ने एक चिट्ठी पीएम को लिखकर कहा है कि दिनेश त्रिवेदी की जगह मुकुल रॉय को रेल मंत्री बनाया जाए। वहीं, पीएमओ का कहना है कि फिलहाल ऐसी कोई चिट्ठी नहीं प्राप्त हुई है। सूचना है कि ममता बनर्जी ने रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी और पार्टी नेता मुकुल रॉय को कोलकाता तलब किया है।

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने आज घोषणा की कि वह रेल किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं होने देंगी जिसका प्रस्ताव रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने किया है।

त्रिवेदी की ओर से इस वर्ष चार हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने के लिए सभी श्रेणियों के रेल यात्री किराये में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किये जाने के कुछ घंटे बाद ममता ने एक जनसभा में कहा, ‘‘हम रेल यात्री किराये में बढ़ोतरी नहीं होने देंगे।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें किराये में बढ़ोतरी के कदम के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मैं आपको भरोसा दिलाती हूं कि हम किराये में यह बढ़ोतरी स्वीकार नहीं करेंगे।’’ ममता के बयान के बारे में पूछे जाने पर त्रिवेदी ने कहा, ‘‘मैं उन्हें समझाने का प्रयास करूंगा।’’

सूत्रों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख, पश्चिम बंगाल की मौजूदा मुख्यमंत्री और त्रिवेदी से पहले तक केन्द्रीय रेलमंत्री रहीं ममता बनर्जी उनसे कुछ समय से खफा चल रही हैं, और इसी के चलते त्रिवेदी के इस्तीफा देने की नौबत आ सकती है।

सरकार में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने संसद में रेल बजट पेश किये जाने के कुछ ही मिनट बाद यात्री किराये में वृद्धि से असंतोष जताते हुए अपनी ही पार्टी के रेल मंत्री से बढ़ा किराया तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि यह पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ है।

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उधर रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी किया, वह रेलवे के हितों को ध्यान में रखते हुए किया। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि ममता को इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा ‘‘वह हमारी सर्वोच्च नेता हैं। ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या रेल बजट के बारे में पार्टी से विचार विमर्श नहीं किया गया था, बंदोपाध्याय ने कहा कि रेल बजट एक गोपनीय दस्तावेज होता है और पार्टी ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती है। ‘‘ हमने इस विषय पर निर्णय करने का दायित्व रेल मंत्री पर छोड़ दिया था।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि रेल मंत्री ने इस विषय पर ममता बनर्जी और पार्टी से कोई सम्पर्क नहीं किया था।

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