राज्यसभा में कल पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल, हर 5 तलाकशुदा मुस्लिमों में चार महिलाएं

राज्यसभा में कम संख्याबल की वजह से सरकार के लिए इस बिल को पास कराना आसान नहीं होगा बिल को संसदीय समिति को भेजा जा सकता है.

राज्यसभा में कल पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल, हर 5 तलाकशुदा मुस्लिमों में चार महिलाएं

फाइल फोटो

खास बातें

  • राज्यसभा में कल पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल
  • पहले आज पेश होना था बिल
  • राज्यसभा में राह नहीं है आसान
नई दिल्ली:

ट्रिपल तलाक को अपराध ठहराने वाला बिल आज नहीं कल पेश किया जाएगा. फिलहाल  बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को राज्यसभा में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है. राज्यसभा में कम संख्याबल की वजह से सरकार के लिए इस बिल को पास कराना आसान नहीं होगा बिल को संसदीय समिति को भेजा जा सकता है. काफी कुछ इस बात निर्भर करेगा कि कांग्रेस का रुख़ क्या रहता है.. कांग्रेस ने लोकसभा में बिल का विरोध नहीं किया था. वो संशोधन के मांग पर अड़ी है. हालांकि सरकार ने 3 साल की सज़ा घटाने का संकेत देकर विपक्ष को साधने की कोशिश है. पिछले हफ़्ते ही ये बिल लोकसभा में पास हुआ था. 

तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली इशरत जहां BJP में शामिल

ये बिल मुस्लिम महिलाओं पर कितना डालेगा असर
2011 की जनगणना के मुताबिक देश में 8.4 करोड़ मुस्लिम महिलाएं हैं. हर एक तलाक़शुदा मर्द के मुकाबले 4 तलाक़शुदा औरतें हैं. 13.5% लड़कियों की शादी 15 साल की उम्र से पहले हो जाती है. 49% मुस्लिम लड़कियों की शादी 14 से 29 की उम्र में होती है 2001-2011 की जनगणना के मुताबिक मुस्लिम औरतों को तलाक़ देने के मामले 40 फीसदी बढ़े.

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मुस्लिम पर्सनल बोर्ड की मांग
कोलकाता में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सांसदों से विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की अपील की है. इस बीच तीन तलाक की जंग में शामिल और अहम याचिकाकर्ता रही इशरत जहां बीजेपी में शामिल हो गई हैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि उन्हें इशरत की राजनीति से लेना देना नहीं लेकिन विधेयक अपने मूल रुप में पास नहीं हो सकता. लेकिन टकराव का एक नया मसला पीएम का वो बयान भी है जिसके मुताबिक मुस्लिम महिलाएं अब बगैर किसी के साथ के भी हज के लिए अकेले जा सकेंगी. बोर्ड ने कहा है कि ये हमारी धर्मिक रिति-रिवाज है. पीएम ये ना बताएं की मुस्लिम महिलाएं कैसे हज करें.

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क्या हैं बिल की मूल बातें
एक बार में तीन तलाक़ ग़ैरक़ानूनी होगा. इसमें तीन साल की जेल, जुर्माने का प्रावधान है. पति को ज़मानत भी नहीं मिलेगी. पीड़िता हर्जाने के लिए कोर्ट जा सकती है. पीड़िता गुजारा भत्ता मांग सकती है. नाबालिग बच्चों की कस्टडी भी मांग सकेगी.

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क्या है राज्यसभा में गणित
245 सांसदों वाली राज्यसभा में फ़िलहाल 238 सांसद हैं.  बिल पास कराने के लिए 120 का आंकड़ा चाहिए. 
बिल के पक्ष में जो पार्टियां हैं उनमें बीजेपी की सीटें- 57, जेडीयू-7, टीडीपी-6, शिवसेना-3, अकाली दल-3 अन्य दलों, मनोनीत, निर्दलीय सांसदों के साथ 91 सांसद पक्ष में हैं. 29 और वोटों की ज़रूरत होगी. वहीं जो दल बिल के खिलाफ हैं उनमें समाजवादी पार्टी-18, सीपीएम-7, एनसीपी-5 और कई अन्य दलों को मिला कर क़रीब 64 सांसद हैं.
 


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