पुणे की आयुध फैक्ट्री में धमाका, दो की मौत, दो घायल

धमाका उस जगह हुआ जहां पर मोर्टार का गोला बारूद रखा हुआ था. समझा जाता है कि ये धमाका गोला बारूद को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के दौरान हुआ.

पुणे की आयुध फैक्ट्री में धमाका, दो की मौत, दो घायल

पुणे की आयुध फैक्ट्री में धमाका

खास बातें

  • फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं
  • जहां गोला-बारूद रखा था वहां धमाका
  • 15 सालों में करीब 3000 करोड़ का गोला बारूद का नुकसान
नई दिल्ली:

पुणे की आयुध फैक्ट्री में धमाके से दो की मौत हो गई है. यह धमाका आयुध फैक्ट्री खडकी के एफ2 सेक्शन में सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर हुआ. धमाके की वजह से वहां काम कर रहे दो कर्मचारियों की मौत हो गई और दो के घायल होने की भी खबर है. धमाका उस जगह हुआ जहां पर मोर्टार का गोला-बारूद रखा हुआ था. समझा जाता है कि ये धमाका गोला बारूद को एक-जगह से दूसरी जगह ले जाने के दौरान हुआ. मामले की जांच के लिए फैक्ट्री बोर्ड ने अपने क्षेत्रीय निदेशक सुरक्षा को घटनास्थल पर भेज दिया है. वैसे रक्षा मंत्रालय के मुताबिक- अब हालात नियंत्रण में है और फिलहाल और किसी नुकसान की खबर नहीं है.
  
पिछले साल लगभग इसी समय महाराष्ट्र के वर्धा के पुलगांव के केन्द्रीय हथियार डिपो में ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें भयानक आग लग गई थी. हादसे में 19 लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों घायल हुए थे. वैसे एक अनुमान के मुताबिक- बीते 15 सालों में सेना ने 3000 करोड़ का गोला बारूद दुर्घटनाओं में गंवा दिया. संसद की स्थाई समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में गोला बारूद के भंडारण और प्रबंधन के इंतज़ामों पर रक्षा मंत्रालय की खिंचाई की थी. पूर्व सेना प्रमुख और फिलहाल मोदी सरकार में विदेश मंत्रालय में नंबर दो जनरल वीके सिंह ने साल 2012 में प्रधानमंत्री को लिखी अपनी बेहद विवादित चिट्ठी में भी देश में गोला बारूद की कमी का ज़िक्र किया था. जनरल सिंह ने लिखा था कि सेना की टैंक रेजीमेंट के पास बेहद ज़रूरी गोला बारूद की बड़ी कमी है. दरअसल, देश में गोला बारूद की कमी का एक कारण भंडारण के लिए विशेष इंतज़ामों की कमी भी है.


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