किसानों की मदद के मुद्दे पर उद्धव ने साधा महाराष्ट्र सरकार पर निशाना

फाइल फोटो

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मुंबई:

किसानों की मदद के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार पर शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे बिफ़र पड़े हैं। उद्धव ने राज्य की सरकार किसानों की मदद करने में कम पड़ने की बात कह कर नया बवाल पैदा किया है।

महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनने के महीने भर बाद शिवसेना उसमें शामिल हुई। इस सरकार में शिवसेना के पास किसानों की समस्या से जुड़े किसी भी विभाग का कैबिनेट मंत्रीपद नहीं है।

ऐसे में सरकार में दोयम दर्जे की भूमिका निभाने पर मजबूर शिवसेना के पार्टी प्रमुख ने यह भी साफ़ कर दिया कि वे सरकार की खामियों को उजागर करते रहेंगे। ऐसा नहीं की सरकार में शामिल हुए तो सब कुछ बढ़िया कहते रहेंगे।'

उद्धव ने मुंबई में संवादादाताओं से बात करते हुए कहा कि सरकार के किसान राहत की घोषणाओं का असर देखने के लिए वह राज्य के सूखाग्रस्त इलाके का दौरा भी करेंगे।

महाराष्ट्र में मराठवाड़ा और विदर्भ सर्दी के मौसम में पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। इस दौरान हुई ओलावृष्टि ने किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हुई। राज्य सरकार ने इस से राहत दिलाने के लिए साढ़े सात हजार करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया। राज्य में बरकरार किसान आत्महत्या रोकने के लिए किसान पर चढ़े साहूकार के कर्जे चुकाने का भी फैसला लिया है। इन फैसलों का ऐलान तब हुआ है, जब शिवसेना राज्य की सरकार में शामिल हो चुकी थी।

राज्य के किसानों की मदद के लिए अपने प्लान का ऐलान करने के मौके पर उद्धव ने कहा कि वे मुंबई की प्रसिद्ध जहांगीर आर्ट गैलरी में मंगलवार से खुद के द्वारा खींचे गए तस्वीरों की प्रदर्शनी लगा रहे हैं और इन तस्वीरों को बेचकर होनेवाली आमदनी को वे राज्यभर में किसान राहत के कामों के लिए इस्तेमाल करेंगे। उद्धव राजनीति के अलावा प्रोफेशनल फोटोग्राफी में भी रूचि रखते हैं।

इसी बात को पकड़कर एनसीपी ने शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे पर ताना कसा है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मालिक ने मुंबई में एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे किसान की समस्याओं पर मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। सत्ता में शामिल शिवसेना को किसानों की वेदना से सरोकार नहीं। राज्य सरकार को किसान राहत के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये का पैकेज देना चाहिए।

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बहरहाल, सत्ता में सहयोगी दल से हुई तीखी टिप्पणी से राज्य बीजेपी सकते में है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि उनके द्वारा उद्धव के बयान पर कोई प्रतिक्रिया न देकर आपसी सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश होगी।