1993 के सूरत विस्फोट के आरोपी टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन फैसला करेगा

1993 के सूरत विस्फोट के आरोपी टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन फैसला करेगा

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

खास बातें

  • यह दो बम विस्‍फोटों के सिलसिले में वांछित है
  • 1996 में भारत से अवैध रूप से ब्रिटेन भाग गया था
  • दाऊद इब्राहीम का करीबी माना जाता है
लंदन:

ब्रिटेन के नवनियुक्त गृह मंत्री अंबर रड, बाबरी विध्वंस कांड के बाद सूरत में 1993 में हुए दो बम विस्फोटों के सिलसिले में भारत में वांछित टाइगर हनीफ के प्रत्यर्पण पर फैसला करने वाले हैं. सोमवार को मीडिया में आई एक खबर में यह दावा किया गया.

अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहीम के कथित सहयोगी 55 वर्षीय हनीफ का ग्रेटर मैनचेस्टर के एक दुकान में होने का पता चला और उसे स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ भारतीय अधिकारियों ने फरवरी 2010 में एक प्रत्यर्पण वारंट जारी किया था.

वह ब्रिटिश हाई कोर्ट में अप्रैल 2013 में अपनी अपील हार गया जिसके बाद यह मामला ब्रिटेन के तत्कालीन गृह मंत्री और अब प्रधानमंत्री टेरेसा मे को सौंप दिया गया था ताकि वह प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर सकें. ब्रिटिश प्रत्यर्पण कार्यवाही के तहत अब यह मामला मे के उत्तराधिकारी रड के पास है.

ब्रिटिश गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में गृह मंत्रालय को और अधिक जानकारी दी गई है और वे इस पर सावधानीपूर्वक विचार कर रहे हैं. हनीफ का पूरा नाम मोहम्मद उमरजी पटेल है. वह 1996 में भारत से अवैध रूप से ब्रिटेन आया था.

उसे ब्रिटेन में रहने की इजाजत दी गई. उसने दावा किया कि मुस्लिम होने के चलते हिंदू बहुल गुजरात में उसे अभियोजित किया जा रहा. यदि ब्रिटेन के नये गृहमंत्री प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर करते हैं तो हनीफ यूरोपीय मानवाधिकार आयोग में अपनी अपील कर सकता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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