नई दिल्ली: देश में आज कल एक अलग तरह की दलित राजनीति का दौर है, जिसमें नेता दलितों के घर जाकर खाना खाकर ये जताने की कोशिश करते हैं कि वे दलितों के हितैषी हैं. यही वजह है कि अमित शाह, राहुल गांधी, रविशंकर प्रसाद समेत कई नेता बीते दिनों दलितों के घर जाकर खाना खाते दिखे. मगर इस पर मोदी सरकार में मंत्री उमा भारती की अलग राय है. उमा भारती ने दलितों के घर जाकर भोजन करने की बजाय अपने घरों पर उन्हें आमंत्रित करने का सुझाव दिया है.
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि 'हम भगवान राम नहीं हैं कि दलितों के साथ भोजन करेंगे तो वे पवित्र हो जाएंगे. जब दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे तब हम पवित्र हो जाएंगे. दलित को जब मैं अपने घर में अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा.' उन्होंने कहा कि दलितों के घर नेताओं के जाने के बदले दलितों को हमारे घर आना चाहिए और साथ में बैठकर
गौरतलब है कि बीते दिनों येदियुरप्पा ने तुमकुरू में एक दलित कॉलोनी जब गए तो वहां उस दलित ने येदियुरप्पा के लिए पुलाव बनवाया था जो उन्होंने नहीं खाया बल्कि उनके कहने पर पास के रेस्टोरेंट से इडली और वड़ा मंगवाया गया जो उन्होंने अपने दूसरे साथियों के साथ खाया. बाद में इसकी शिकायत जेडीएस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पास के एक पुलिस स्टेशन में की.
वहीं, बीते दिनों केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद एक होटल में दलितों को बुलाकर खाना खाते पाये गये थे, जिसके बाद दलितों के साथ भोजन करने पर खूब राजनीति हुई थी.
VIDEO: योगी ने दलित के घर खाना खाया