यह ख़बर 04 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

बदायूं गैंगरेप से स्तब्ध हूं, 'लड़के लड़के ही रहेंगे' की सोच से उबरें : मून

संयुक्त राष्ट्र:

भारत में दो किशोरियों के बलात्कार और हत्या से स्तब्ध संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने यौन हिंसा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और समाज से ‘लड़के-लड़के रहेंगे’ के विनाशकारी रुख को खारिज करने की अपील की।

बान ने कहा, महज पिछले दो हफ्तों में हमने दुनियाभर में नाइजीरिया से लेकर पाकिस्तान तक और कैलिफोर्निया से लेकर भारत तक महिलाओं के खिलाफ घृणित हमले देखे। मैं खासतौर पर भारत में दो किशोरियों के बर्बर बलात्कार और जघन्य हत्या से स्तब्ध हूं, जो घर से बाहर गई थीं क्योंकि किसी शौचालय तक उनकी पहुंच नहीं थी।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दुनियाभर में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हाल के हमलों की निंदा करते हुए कहा कि ‘महिला विरोधी हिंसा शांति एवं सुरक्षा का मुद्दा है। यह एक मानवाधिकार मुद्दा है। यह विकास का एक मुद्दा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रों को तमाम मोचरें पर कदम उठाना चाहिए और तमाम महिलाओं के लिए पूरी बराबरी हासिल करनी चाहिए।

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बान ने लैंगिक समानता के माध्यम से यौनिक हिंसा के खात्मे के लिए एक वीडियो अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा, हमें लड़के लड़के रहेंगे के टाल देने वाले, विनाशकारी रुझान को ना कहना चाहिए।