केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने उधेड़ी सरकारी कर्मचारियों की बखिया

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की फाइल फोटो

पटना:

शनिवार को केंद्र की तीन नई योजनाओं के लिए केंद्रीय मंत्रियों को विभिन्न शहरों में शुरुआत करने की जिम्मेदारी दी गई था। बिहार की राजधानी पटना में केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान को यह जिम्मेदारी मिली, लेकिन पासवान ने अपने भाषण में अपनी ही सरकार के कामकाज की बखिया उधेड़ दी।
 
पासवान ने कहा की ज्यादातर नेताओं को अकल कम होती है, लेकिन दिल बड़ा होता। अधिकारियों को ज्यादा अकल होती हैं, अधिकारी काम न करने के बहाने ढूंढ़ते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'बहुत सारे नेता ऐसे भी हैं जिनके पास दिल और दिमाग दोनों होता है, लेकिन जब तक दिल और दिमाग नहीं मिलेगा सरकार का कामकाज नहीं चल सकता।
 
उन्होंने अपने भाषण में गरीबों को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें हीन भावना से ग्रसित नहीं रहना चाहिए। गरीब लोगों को भी अपनी सोच बदलनी होगी।
 
अपने भाषण में बार-बार पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा कि चूकी उन्हें गरीबी और गरीब के असल हालात का अंदाजा है, इसलिए केंद्र में गरीबों के लिए एक के बाद एक कई योजना शुरू की जा रही हैं।
 
पासवान ने निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारियों की तुलना करते हुए कहा की निजी क्षेत्र में काम करने वाला हर व्यक्ति अपने काम को मां सामान समझता हैं। जिस तरह मां अपने बच्चे की सेवा में समय नहीं देखती, वैसे ही कर्मचारी भी वक्त को ध्यान नहीं देते, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी अपना काम अस्पताल की नर्स की तरह केवल अपने ड्यूटी के समय तक ही सीमित रखते हैं।
 
प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा की यात्रा का जिक्र करते हुए भी पासवान ने कहा की गरीब लोगों खासकर आदिवासियों का कानून व्यवस्था से विश्वास उठता जा रहा है। इसीलिए वह नक्सली बनता जा रहा है। इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि आखिर जहां इतने खनिज पदार्थ हैं, वहां लोग नक्सली क्यों बनते हैं।


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