उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के चाचा को पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मिली 1 दिन की पैरोल

आपको बता दें कि उन्नाव रेप कांड की पीड़िता  मौसी, चाची और वकील के साथ अपने चाचा से मिलने रायबरेली गई थी. वापस लौटते समय उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें मौसी और चाची की मौत हो गई जबकि पीड़िता और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए.  

उन्नाव रेप कांड की पीड़िता के चाचा को पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मिली 1 दिन की पैरोल

उन्नाव रेप पीड़िता के एक्सीडेंट के मामला लोकसभा में भी उठा है.

नई दिल्ली:

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उन्नाव बलात्कार कांड  की पीड़िता के चाचा को अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए एक दिन की पैरोल मंगलवार को मंजूर कर दी. अदालत ने रायबरेली जेल के अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि पीड़िता के चाचा को कड़ी सुरक्षा के बीच गंगा घाट पर उसकी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ले जाया जाए. साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट के वरिष्ठ रजिस्ट्रार को भी निर्देश दिए हैं कि वह इस आदेश की प्रति रायबरेली जेल तथा जिला प्रशासन को फौरन पहुंचाएं. न्यायमूर्ति मोहम्मद रफी खान की पीठ ने यह आदेश पीड़िता के चाचा की याचिका पर दिया है जिन्होंने अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 1 दिन की पेरोल की अर्जी दी थी. वह उन्नाव रेप कांड के अभियुक्त भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई पर जान से मारने की नीयत से हमला करने के आरोप में रायबरेली जेल में बंद है. अदालत ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे उनको अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाएं और उसके बाद शाम को वापस रायबरेली जेल लेकर आ जाएं. उनकी पैरोल की मांग को लेकर उसके परिवार के लोगों ने लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर के बाहर मंगलवार को सुबह धरना प्रदर्शन किया था. 

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आपको बता दें कि उन्नाव रेप कांड की पीड़िता  मौसी, चाची और वकील के साथ अपने चाचा से मिलने रायबरेली गई थी. वापस लौटते समय उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें मौसी और चाची की मौत हो गई जबकि पीड़िता और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए.  पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि इस घटना के पीछे रेप के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ है. वह जेल के अंदर से फोन कर धमकी देते थे कि जिंदा रहना चाहते हो तो अदालत में बयान बदल दो. फिलहाल इस घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. वहीं इस घटना की लोकसभा में भी सुनाई दी है. कांग्रेस ने इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह से जवाब मांगा है. दूसरी ओर सपा नेता अखिलेश यादव ने सेवानिवृत्त जज से जांच कराने की मांग की है.
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)