यूपी में सिर्फ छह गांव बचे, जहां बिजली नहीं पहुंची; बिहार में 319 गांवों का रोशन होना बाकी

त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश वे राज्य हैं, जहां शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है, यानी इन दोनों राज्यों में अब एक भी गांव ऐसा नहीं है, जो बिजली से रोशन न हो... दूसरी ओर, अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज़्यादा काम बाकी बाकी है, जहां कुल 1,224 गांवों का विद्युतीकरण होना शेष है...

यूपी में सिर्फ छह गांव बचे, जहां बिजली नहीं पहुंची; बिहार में 319 गांवों का रोशन होना बाकी

छत्तीसगढ़ में 316, असम में 532 तथा ओडिशा में 534 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम शेष है...

नई दिल्ली:

क्या आप जानते हैं कि आबादी के लिहाज़ से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अब सिर्फ छह गांव ऐसे बचे हैं, जिन तक बिजली नहीं पहुंच पाई है, जबकि कुछ समय पहले तक यह संख्या 1,500 से भी ज़्यादा थी... इसके अलावा त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश वे राज्य हैं, जहां शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है, यानी इन दोनों राज्यों में अब एक भी गांव ऐसा नहीं है, जो बिजली से रोशन न हो... दूसरी ओर, अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज़्यादा काम बाकी बाकी है, जहां कुल 1,224 गांवों का विद्युतीकरण होना शेष है...

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को दिल्ली में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का 'गर्व' नाम से मोबाइल ऐप लॉन्‍च किया. इस दौरान उन्होंने 12 राज्यों की राजधानी के मीडिया कर्मियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बिजली समस्याओं का फीडबैक लिया. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सात सौ दिनों में देश के 13 हजार गावों में बिजली पहुंचाई गई. अगले 300 दिनों में हर गांव में बिजली तथा 2022 तक हर घर को रोशन करने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है. गोयल ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई, 2015 को दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने 1000 दिनों में देश के 18,500 गावों के विद्युतीकरण का लक्ष्य तय किया था. इसके तहत 700 दिनों में 13 हजार से अधिक गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है. अब 300 दिनों में यानी एक मई, 2018 तक 4000 गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है.'

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सात दिन के अंदर बिजली कनेक्शन देने के लिए निर्देशित किया गया है. इसके साथ गरीब परिवारों को मुफ्त कनेक्शन मिलेंगे. गोयल ने कहा, 'हमारे पास बिजली का उत्पादन मांग से अधिक है. सोलर प्लांट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. पहाड़ पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को एलईडी बल्ब, पंखा तथा टीवी भी दिया जा रहा है. किसानों को पर्याप्‍त मात्रा में सस्ती बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है. सासंद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव के सभी घरों में बिजली पहुंचाई जा रही है. असम, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश व झारखंड ग्रामीण बिजली क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं. लोग ईमानदारी से बिजली बिल का भुगतान करें और इसकी चोरी रोकने में मदद करें. सभी को भरपूर बिजली मिलेगी.'

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने एक ट्वीट में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल द्वारा जारी की गई एक बुकलेट के हवाले से देश में 18 मई, 2017 तक गांवों के विद्युतीकरण प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में शत-प्रतिशत विद्युतीकृत त्रिपुरा व हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश सहित कुल चार राज्य ऐसे हैं, जिनमें 10 से कम गांवों में बिजली पहुंचाए जाने का काम बचा हुआ है... राजस्थान में सिर्फ एक गांव में बिजली की रोशनी का फैलना बाकी है, जबकि नागालैंड में दो गांव ऐसे हैं, और तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में बिजली-रहित गांवों की तादाद पांच है...
 



इन राज्यों के अलावा मिज़ोरम में 18, कर्नाटक में 25 मध्य प्रदेश में 52, उत्तराखंड में 53 और मणिपुर में 66 गांवों में बिजली पहुंचाया जाना बाकी है... देशभर में ऐसे राज्यों की संख्या आठ है, जिनमें 100 से ज़्यादा गांवों में विद्युतीकरण का काम बकाया है... इनमें सबसे ज़्यादा गांव अरुणाचल प्रदेश के हैं, जिसके बाद नंबर आता है झारखंड का, जहां 560 गांवों में बिजली पहुंचाई जानी है...

इनके अतिरिक्त जम्मू एवं कश्मीर में 102, मेघालय में 224, छत्तीसगढ़ में 316, बिहार में 319, असम में 532 तथा ओडिशा में 534 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम शेष है... सो, कुल मिलाकर एक समय में जहां संपूर्ण भारत में 18,452 गांवों में बिजली नहीं थी, अब बिना बिजली के गुज़ारा कर रहे गांवों की संख्या सिर्फ 4,039 रह गई है... जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इनमें कुल मिलाकर 944 गांव ऐसे भी हैं, जहां आबादी है ही नहीं...

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