जेवर में एक की हत्या और 4 महिलाओं से गैंगरेप के मामले में चार लोग हिरासत में लिए गए

केस को जल्द सुलझाने के लिए पुलिस एसटीएफ़ से मदद ले रही है. चारों पीड़ित महिलाओं का मेडिकल हो चुका है. रिपोर्ट का इंतज़ार है. साथ ही पुलिस को शक है कि इस घटना के पीछे बावरिया गैंग का हाथ हो सकता है.

जेवर में एक की हत्या और 4 महिलाओं से गैंगरेप के मामले में चार लोग हिरासत में लिए गए

जेवर में महिलाओं से गैंगरेप और एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या

खास बातें

  • केस को सुलझाने के लिए STF की मदद ली जा रही है
  • चारों महिलाओं का मेडिकल हो चुका है
  • बावरिया गैंग का हाथ होने का शक
जेवर:

ग्रेटर नोएडा के पास जेवर में इंसानियत को शर्मसार करने वाला हादसा हुआ. रात क़रीब एक-डेढ़ बजे बुलंदशहर जा रहे एक परिवार को छह बदमाशों ने रोका. विरोध करने पर एक शख्स जो कि उस परिवार का मुखिया था उसे गोली मारी. महिलाओं के साथ दरिंदगी की गई, गैंगरेप किया गया. वारदात के वक्त पुलिस से 100 नंबर कॉल कर मदद मांगी गई, पर पुलिस वारदात के डेढ़ घंटे बाद पहुंची. तब तक बदमाश वारदात को अंज़ाम दे चुके थे, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए वारदात के बाद पुलिस पूरी तरह मुस्तैद हो गई है और चार लोगों को हिरासत में लिया गया है.

छह आरोपियों की तलाश में यूपी पुलिस ने 7 टीमों का गठन किया. साथ ही केस को जल्द सुलझाने के लिए पुलिस एसटीएफ़ से मदद ले रही है. चारों पीड़ित महिलाओं का मेडिकल हो चुका है. रिपोर्ट का इंतज़ार है. कल शाम महिलाओं ने दावा किया था कि वे तीन आरोपियों को पहचानती हैं. साथ ही पुलिस को शक है कि इस घटना के पीछे बावरिया गैंग का हाथ हो सकता है.

आरोप है कि बदमाशों ने कार में सवार परिवार से 40 हजार रुपए नकदी, मोबाइल फोन और गहने लूट लिए. लूटपाट के बाद बदमाशों ने महिलाओं के दुपट्टों से परिवार के पुरुषों को बांध दिया. इसके बाद कार में सवार सभी चार महिलाओं को खेत में ले गए, जहां उनके साथ गैंगरेप किया गया. परिवार के मुखिया ने जब बदमाशों का विरोध किया तो वे उसके बच्चे को गोली मारने लगे. परिवार के मुखिया के मिन्नत करने पर बदमाशों ने बच्चे की जान बख्श दी, लेकिन उन्हें गोली मार दी

जेवर की ये घटना पिछले साल जुलाई में एक परिवार से बुलंदशहर के रास्ते में लूटपाट और मां बेटी से गैंरगेप की याद दिलाती है. ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के बीच बीते 12 महीनों में इस तरह से गाड़ी रोक कर लूटपाट करने का यह तीसरा मामला है.  26 दिसंबर को पिछले साल एक परिवार को यमुना एक्सप्रेस वे पर रोककर 20 लाख की लूटपाट हुई. इसी साल 23 जनवरी को फिर यमुनाएक्सप्रेसवे पर एक बस को लूटा गया. अगर पुलिस ने इन घटनाओं से सबक लिया होता तो अपराधियों के हौसले इतने बुलंद नहीं होते. 


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