चिन्मयानंद मामले में SIT ने दायर की चार्जशीट, फोरेंसिक जांच में सही पाया गया मालिश वाला वीडियो

एसआईटी को जांच कर चार्जशीट दाखिल करने में पूरे 2 महीने लगे. 6 सितंबर को जांच शुरु की गई थी. इसमें 105 लोगों के बयान लिए गए. 55के दस्तवेजी सबूत जुटाए गए और दोनों मामलों में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई.

खास बातें

  • पुलिस ने चिन्मयानंद और लड़की दोनों को कोर्ट में पेश किया
  • मामले में 7 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
  • दो बीजेपी नेताओं ने भी मांगी चिन्मयानंद से रंगदारी
नई दिल्ली:

चिन्मयानंद मामले (Chinmayanand case) में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को अदालत में 4700 पेज की चार्जशीट दाखिल कर दी है. पुलिस ने दावा किया है कि फोरेंसिक जांच में चिन्मयानंद के लड़की से मालिश करवाए जाने के विजुअल्स सही पाए गए हैं. वहीं लड़की और उसके साथियों की वीडियो की फोरेंसिक जांच से उनके रंगदारी मांगने की भी पुष्टि होती है. इतना ही नहीं एसआईटी ने दावा किया है कि शाहजहांपुर के दो बीजेपी नेता भी चिन्मयानंद से उनकी वीडियो के एवज में सवा करोड़ की रंगदारी मांग रहे थे. उनके नाम भी चार्जशीट में दाखिल कर दिए गए हैं.  पुलिस ने बुधवार को कोर्ट में चिन्मयानंद और उन पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की दोनों को कोर्ट में पेश किया. एसआईटी ने कहा कि आश्रम के एक-एक कमरे के परदे, गद्दे और तेल की कटोरी की फोरेंसिक जांच में चिन्मयानंद के नग्न होकर लड़की से मालिश कराने का आरोप सही पाया है. 

एसआईटी आईजी नवीन अरोड़ा ने कहा, ''जो वहां से कटोरी, तौलिया या परदे लिए गए हैं, वे सभी वीडियो में दिख रहे कटोरी, परदे और तौलिया से मैच करते हैं. इसकी पुष्टि भी फोरेसिंक लैब की रिपोर्ट्स से होती है. इससे साबित होता है कि लड़की ने चश्मे से जो वीडियोज बनाए थे उसके सबूत वहां पर मौजूद हैं. '' एसआईटी का कहना है कि फोरेंसिक जांच से साबित हुआ है कि लड़की के दोस्त संजय ने ही चिन्मयानंद को उनकी अश्लील फोटो वाट्सएप कर रंगदारी मांगी थी. 

SIT ने चिन्मयानंद और लॉ छात्रा के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, कोर्ट में कहा - हमारे पास हैं...

नवीन अरोड़ा ने कहा, जांच में हमने पाया कि एक वाट्सएप नंबर जो संजय द्वारा दिव्यांशु से फेक आईडी पर लिया गया और अपने फोन पर इंस्टॉल किया गया. इसी वाट्सएप से स्वामी चिन्मयानंद के वाट्सएप नंबर पर वो मैसेज भेजा गया था. और न केवल मैसेज रिकवर हुआ बल्कि उसके साथ भेजे गए फोटो के स्क्रीनशॉट भी हमें मिले हैं, जिससे हम साबित करने की स्थिति में थे कि ये धारा 67 ए आईटी एक्ट का जुर्म बनता है. 

एसआईटी का दावा है कि शाहजहांपुर के दो बीजेपी नेता अजीत सिंह और डीएसपी राठौर भी चिन्मयानंद से सवा करोड़ की रंगदारी मांग रहे थे. डीएसपी राठौर जिली सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं और वो बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ तस्वीर खिंचवाने के शौकीन लगते हैं. ये लोग लड़की से चिन्मयानंद के वीडियो वाली पेन ड्राइव हिफाजत से रखने के बहाने मांग लाए थे. फिर वे भी बहती गंगा में हाथ धोने लगे. उनके नाम भी चार्जशीट में दाखिल किए गए. 

 SIT ने जब्त किया BJP नेता का लैपटॉप और पेनड्राइव, VIDEO क्लिप्स मौजूद होने का अंदेशा

अरोड़ा ने बताया कि ये सलाह भी अजीत और डीपीएस ने ही दी थी कि आप के पास सबूत हैं और पुलिस तलाशी में बरामद कर लेगी. इसलिए बेहतर होगा कि ये उन्हें दे दिए जाएं.  उन्होंने बताया, जब ये लोग वापस आए तो इन्हें निश्चित रूप से जानकारी थी कि ऐसा कोई सबूत शायद अब बच्चों के पास न हो और हम लोगों के पास ही सबूत हैं. उन्होंने उसकी एक-एक कॉपी बनाई और चिन्मयानंद से तोल-मोल करने लगे. 

बता दें एसआईटी को जांच कर चार्जशीट दाखिल करने में पूरे 2 महीने लगे. 6 सितंबर को जांच शुरु की गई थी. इसमें 105 लोगों के बयान लिए गए. 55के दस्तवेजी सबूत जुटाए गए और दोनों मामलों में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई. चिन्मयानंद के खिलाफ धारा 376,342 और 506 के तहत.  लड़की और उसके साथियों के खिलाफ धारा 34,201,385,506,507 और 67ए आईटी एक्ट के तहत. वहीं बीजेपी नेता डीपीएस राठौर और अजीत सिंह पर धारा 201,385 और 506 के तहत आरोप में चार्जशीट दाखिल की गई है.

चिन्मयानंद को झटका, शाहजहांपुर की CJM कोर्ट ने 14 दिन के लिए बढ़ाई न्यायिक हिरासत 

चार्जशीट दाखिल होने पर लड़की के घर वाले कहते हैं कि कुछ लड़को के साथ उनकी लड़की की वीडियो से ये साबित नहीं होता कि वो रंगदारी मांगने में शामिल है. चिन्मयानंद के प्रभाव की वजह से लड़की को फंसाया गया है. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वहीं इस मामले पर चिन्मयानंद के वकील का कहना है कि एसाईटी जिस वीडियो की बात कर रही है उसमें भी चिन्मयानंद लड़की से जोर जबरदस्ती करते नहीं नजर आते हैं. इसलिए उनपर लगे आरोप बे बुनियाद हैं. उन्होंने कहा, ''ये पूरा मामला बे बुनियाद है और रंगदारी के आरोपियों द्वारा इस मामले से बचने के लिए स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध षडयंत्र के तहत नई कहानी गढ़ी गई...जो सिर्फ कलम से गढ़ी गई.''