अनामिका शुक्‍ला मामले का असर: यूपी के 746 कस्तूरबा बालिका स्‍कूलों के सभी टीचर्स की डिग्री की जांच होगी

अनामिका शुक्ला के नाम से 9 जगह नौकरी करती फ़र्ज़ी महिला टीचर्स के पकड़े जाने के बाद यूपी सरकार ने 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के सभी 5000 UP teachers की डिग्री की जांच के आदेश दिए हैं. यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने ये आदेश जारी किए हैं.

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (UP) में अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) के दस्तावेज का इस्तेमाल करके कई लोगों द्वारा स्‍कूलों में नियुक्तियां हासिल करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अनामिका शुक्ला के नाम से 9 जगह नौकरी करती फ़र्ज़ी महिला टीचर्स के पकड़े जाने के बाद यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के सभी 5000 टीचर्स की डिग्री की जांच के आदेश दिए हैं. यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने ये आदेश जारी किए हैं.अनामिका शुक्ला नाम से यूपी के कई जिलों में कई शिक्षिकाओं के सैलरी उठाने का मामला सामने आने के बाद अब असली अनामिका शुक्ला भी सामने आ गई है. हैरानी की बात यह है कि जो महिला खुद को अनामिका शुक्ला बता रही हैं, वह खुद बेरोजगार हैं.

बता दें कि इस हफ्ते मामला सामने आया था कि अनामिका शुक्ला के नाम और एक ही दस्तावेजों से 25 जिलों में लोगों को नौकरियां दी गई थीं और अनामिका शुक्ला को अब तक 'बड़ी राशि' का भुगतान भी कर दिया गया है. मामला सामने आने के बाद असली अनामिका शुक्ला की पहचान करने की कोशिश हो रही थी. लेकिन अब असली अनामिका शुक्ला इस शिकायत के साथ खुद सामने आ गई हैं कि वो खुद बेरोजगार हैं और उनके दस्तावेजों के साथ फर्जीवाड़ा करके इतने लोगों को नौकरियां दी गई हैं. गोंडा जिले में रहने वाली अनामिका शुक्ला ने अपने मूल प्रमाणपत्रों (अभिलेख) की प्रतियों के साथ BSA कार्यालय में पहुंचकर शिकायत दर्ज करवाई है. उन्‍होंने आरोप लगाया है कि उनके शैक्षिक अभिलेखों का जालसाजों ने प्रयोग किया और प्रदेश के विभिन्न जिलों में नौकरी करने के मामले सामने आए. अनामिका ने इसकी शिकायत पुलिस में भी की है, और ऑनलाइन FIR दर्ज कराई है.

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यह है अनामिका शुक्‍ला का पक्ष
जानकारी है कि अनामिका शुक्ला ने 2017 में भर्ती के लिए होने वाली काउंसिलिंग के लिए अपने दस्तावेज जमा किए थे लेकिन काउंसिलिंग के वक्त उनकी बच्ची का जन्म हुआ था, जिसके चलते वो काउंसलिंग नहीं करा पाईं. लेकिन उनके दस्तावेज विभाग के पास ही रहे, जिसके बाद शिक्षा माफिया ने उनके दस्तावजों का फर्जीवाड़ा करके 25 जिलों में लोगों को नौकरियां दिलवाईं. ये मामला तब सामने आया, जब पिछले साल योगी सरकार की ओर से प्रेरणा ऐप लॉन्च किया गया. इस ऐप में टीचरों को रोज स्कूल में बच्चों के साथ एक सेल्फी खींचकर डालनी होती है. इसमें उन्हें अपना नाम, पिता का नाम और पैन कार्ड की डिटेल्स जैसी जानकारियां भरनी होती हैं. ऐसे में जब इन 25 अनामिका शुक्लाओं ने ऐप पर अपनी सेल्फी और डिटेल्स डालनी शुरू की, तो उनकी डिटेल्स एक जैसी होने के बाद यह घपला सामने आया.