ट्रोलिंग का शिकार हुईं 2014 की यूपीएससी टॉपर इरा सिंघल, दिया करारा जवाब

इरा सिंघल दिव्यांग होने के बाद भी यूपीएससी की जनरल कैटेगरी में पहली रैंक प्राप्त करने वाली पहली महिला हैं.

ट्रोलिंग का शिकार हुईं 2014 की यूपीएससी टॉपर इरा सिंघल, दिया करारा जवाब

दिव्यांग होने की वजह से 2010 में इरा को आईआरएस की नौकरी नहीं मिली थी.

नई दिल्ली:

यूपीएससी 2014 की टॉपर रहीं इरा सिंघल को उनकी दिव्यांगता के चलते सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा.  उन्होंने अपने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें भूपेश नाम के एक शख्स ने उन्हें कमेंट में अपशब्द कहे हैं.  इरा ने ट्रोलर की प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट डालते हुए लिखा, " किसी के लिए भी जो सोचता है कि दिव्यांग लोगों को कुछ भी सामना नहीं करना पड़ता है, क्योंकि दुनिया अच्छी और दयालु है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. सच्चाई दिखाने के लिए मैं अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से किसी की टिप्पणियों को साझा कर रही हूं . ये साइबर बुलिंग का चेहरा है.''

उन्होंने आगे लिखा, ''दुर्भाग्य से जिसे तंग नहीं किया जा सकता है उसे तंग करने का प्रयास किया जा रहा है. यह व्यक्ति सिविल सर्वेंट बनना चाहता है. यही कारण है कि हमें ऐसे स्कूलों और शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जो किसी भी चीज से ज्यादा एक बेहतरीन इंसान बनाने में ध्यान दें.''

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इरा ने 2014 की सिविल सेवा परीक्षाओं में टॉप किया था.  दिव्यांग होने के बावजूद इरा सामान्य वर्ग में टॉप करने वाली पहली उम्मीदवार बनीं थीं.  वह 2010 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठी थीं और उनकी 815 रैंक आई थी. हालांकि दिव्यांग होने के कारण उन्हें आईआरएस के लिए पोस्टिंग नहीं दी गई. इसके बाद लंबे समय तक उनके पिता ने नार्थ ब्लॉक से लेकर कैट में मुकदमा करने तक का संघर्ष किया. इरा ने हार नहीं मानी और 2014 में पहली रैंक प्राप्त करने के बाद हैदराबाद में आईएएस के तौर पर पोस्टिंग ली. इरा सिंघल शुरू से ही टॉपर रही हैं. लोरेंटो कांवेंट से लेकर दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग तक की परीक्षा में वे हमेशा अव्वल आईं. 

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