उत्तर प्रदेश: बरसाने में ‘लट्ठमार’ होली के रंग में पड़ सकता है भंग, यह है बड़ी वजह

मथुरा में यमुना तीरे प्रस्तावित दो दिवसीय रंगोत्सव के आयोजन पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज उत्तर प्रदेश सरकार से एक रिपोर्ट मांगी.

उत्तर प्रदेश: बरसाने में ‘लट्ठमार’ होली के रंग में पड़ सकता है भंग, यह है बड़ी वजह

प्रतीकात्मक इमेज

खास बातें

  • बरसाने में ‘लट्ठमार’ होली के रंग में पड़ सकता है भंग
  • एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांगी रिपोर्ट
  • 23 फरवरी तक मांगा है जवाब
लखनऊ:

मथुरा में यमुना तीरे प्रस्तावित दो दिवसीय रंगोत्सव के आयोजन पर रोक लगाने की मांग करने वाली एक याचिका पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज उत्तर प्रदेश सरकार से एक रिपोर्ट मांगी. दरअसल, राज्य सरकार की योजना मथुरा और बरसाना में पारंपरिक लट्ठमार होली मनाने के अवसर पर 23 और 24 फरवरी को रंगोत्सव का आयोजन करने की है. न्यायमूर्ति जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने राज्य सरकार, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण , राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ब्रज श्रद्धालु विकास परिषद को नोटिस जारी कर 23 फरवरी तक उनका जवाब मांगा.

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हालांकि, अधिकरण ने हेमा मालिनी को नोटिस जारी नहीं किया जो मथुरा से भाजपा सांसद हैं. हरित अधिकरण ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण को मथुरा स्थित ऐतिहासिक विश्राम घाट के पास यमुना के डूब वाले इलाके में आयोजन स्थल का मुआयना करने का निर्देश दिया है. साथ ही, सुनवाई की अगली तारीख 23 फरवरी से पहले एक रिपोर्ट भी सौंपने को कहा है.

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अधिकरण का निर्देश मथुरा के एक संगठन श्री माथुर चतुर्वेद परिषद की याचिका पर आया है जिसने वहां दो दिवसीय कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है.


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