उत्तराखंड : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्यों न कोर्ट की निगरानी में हो फ्लोर टेस्ट

उत्तराखंड : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्यों न कोर्ट की निगरानी में हो फ्लोर टेस्ट

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जारी है। मंगलवार को कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्यों न पहले कोर्ट की निगरानी में फ्लोर टेस्ट कराया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रामेश्वर जजमेंट का हवाला भी दिया।

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल को फ्लोर टेस्ट के मसले पर सरकार से निर्देश लाने को भी कहा है। इसके लिए कोर्ट ने एजी को 24 घंटे का समय दिया है। कोर्ट में एजी कल इस मसले पर सरकार की राय रखेंगे। बताया जा रहा है कि एजी सरकार को इस मुद्दे पर कोर्ट में हुई बातों से अवगत कराएंगे। कोर्ट ने सुनवाई को बुधवार तक के लिए टाल दिया है। बता दें कि फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

हाईकोर्ट के आदेश पर रोक
इससे पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में हरीश रावत एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे और उन्हें 29 अप्रैल को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया गया था। हाई कोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी और राज्य में राष्ट्रपति शासन फिर लागू हो गया है।

उत्तराखंड विधानसभा का हाई वोल्टेज ड्रामा
गौरतलब है कि 18 मार्च को विधानसभा में विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की भाजपा की मांग का कांग्रेस के नौ विधायकों ने समर्थन किया था, जिसके बाद प्रदेश में सियासी तूफान पैदा हो गया और उसकी परिणिति 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन के रूप में हुई।

उत्तराखंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति
राज्य निलंबित विधानसभा की वर्तमान स्थिति इस प्रकार है -
कुल सीटें- 71
कांग्रेस- 36 (9 बागी विधायकों को मिलाकर)
बीजेपी- 27
उत्तराखंड क्रांति दल- 1
निर्दलीय- 3
बीएसपी- 2
बीजेपी निष्कासित- 1
मनोनीत- 1


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