यौन उत्पीड़न की शिकार महिला कर्मचारियों को मिल सकेगा तीन माह का वैतनिक अवकाश

यौन उत्पीड़न की शिकार महिला कर्मचारियों को मिल सकेगा तीन माह का वैतनिक अवकाश

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • केंद्र के कर्मचारियों को पहले से मिलने वाले अवकाश के अतिरिक्त मिलेगी छुट्
  • आरोपी द्वारा पीड़ित पर दबाव डालने की कोशिशों की शिकायतों पर उठाया कदम
  • मानसिक परेशानी का सामना करने वाली पीड़ित महिलाओं को मिलेगी राहत
नई दिल्ली:

यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को जांच लंबित रहने के दौरान अब तीन महीने का वैतनिक अवकाश मिल सकता है। सरकार ने कहा है कि यह अवकाश केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले से मिलने वाले अवकाश के अतिरिक्त होगा। यौन उत्पीड़न के कुछ मामलों में आरोपी द्वारा पीड़िता पर दबाव डालने या धमकाने की कोशिश करने की शिकायतें आने के बाद यह कदम उठाया गया है।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार, जांच के लंबित रहने के दौरान पीड़ित महिला कर्मचारी को 90 दिनों का अधिकतम अवकाश दिया जा सकता है। इसमें कहा गया कि इस नियम के तहत पीड़ित महिला कर्मचारी को दिया जाने वाला अवकाश पहले से मिलने वाले अवकाश के अतिरिक्त होगा।

कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के लिए कानून
इस प्रावधान का निर्माण, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम, 2013 के तहत किया गया है। यह कानून कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह उन पीड़ितों के लिए राहत बनकर आएगा जिन्हें आरोपी की उपस्थिति में कार्यालय में काम करने दौरान मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ता है।’’

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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