प्रवर्तन निदेशालय के बयान को शराब कारोबारी विजय माल्या ने किया खारिज

भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी द्वारा दिये गए बयान को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया जा रहा है कि विजय माल्या 'प्ली बार्गेनिंग' यानी सौदे-बाजी का प्रयास कर रहा है.

प्रवर्तन निदेशालय के बयान को शराब कारोबारी विजय माल्या ने किया खारिज

विजय माल्या (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी द्वारा दिये गए बयान को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया जा रहा है कि विजय माल्या 'प्ली बार्गेनिंग' यानी सौदे-बाजी का प्रयास कर रहा है. अधिकारी ने कहा था कि विजय माल्या के हालिया प्रस्ताव का कोई विक्लप नहीं है, जिसमें विजय माल्या ने कहा था कि अगर उसकी जब्त संपत्ति मुक्त हो जाती है तो उसे बेचकर वह बैकों के सभी बकाया राशि का भुगतान करने को तैयार है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी के बयान को खारिज करते हुए माल्या ने ट्वीट किया, 'मीडिया रिपोर्ट्स ने एक ईडी अधिकारी को उद्धृत करते हुए कहा कि मैं एक याचिका सौदा करने का प्रयास कर रहा हूं.  मैं सम्मानपूर्वक सुझाव देना चाहूंगा कि अधिकारी पहले ईडी की चार्ज शीट को पढ़ लें. 

विजय माल्या ने ट्वीट कर कहा कि ' मीडिया रिपोर्ट्स ने एक ई़डी अधिकारी के हवाले से कहा कि मैं 'प्ली बार्गेनिंग' यानी सौदे-बाजी की कोशिश कर रहा हूं. मैं अधिकारी को सम्मानपूर्क सुझाव देना चाहूंगा कि पहले वह ईडी की चार्जशीच पढ़ें. मैं ईडी को कोर्ट में उसी प्ली बार्गेनिंग सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए आमंत्रित करूंगा, जिसके सामने मैंने अपनी संपत्तियां रखी हैं. 

इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक, ईडी अधिकारी ने यह प्ली बार्गेनिंग बताकर भगोड़ा घोषित शराब कारोबारी विजय माल्या का वह ऑफर ठुकरा दिया है, जिसमें माल्या ने कहा था कि उसकी संपत्ति बेचकर बैंकों का बकाया चुकाने का मौका दिया जाए. ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि माल्या का ऑफर ठुकरा दिया गया है ताकि ब्रिटेन में उसके खिलाफ कानूनी मामला और पुख्ता हो सके.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, विजय माल्या ने इकोनॉमिक्स टाइम्स को भेजे इमेल में यह दावा किया है कि जांच एजेंसी द्वारा जब्त की गई कुछ संपत्तियों में बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर के साथ जोड़ दिया गया.  

विजय माल्या ने एक ईमेल में कहा कि ईडी के आरोप और एसेट्स की जब्ती का आधार वह पैसा है, जो सरकारी बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस को दिया था. माल्या ने कहा, 'जो एसेट्स जब्त की गई हैं, वे किंगफिशर एयरलाइंस के शुरू होने से काफी पहले खरीदी गई थीं और जब्ती को जायज ठहराने के लिए उन्हें अपराध की रकम से हासिल संपत्ति नहीं कहा जा सकता है.' 

गौरतलब है कि हाल ही में बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए शराब कारोबारी विजय माल्या ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपनी 13,900 करोड़ रुपये की संपत्तियों को बेचने की अनुमति मांगी है, ताकि वह बैंक का कर्ज अदा कर सकें. माल्या ने आज कहा कि यदि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके इस प्रस्ताव का विरोध किया जाता है तो यह साफ हो जाएगा कि बकाया की वसूली से आगे भी उनके खिलाफ एजेंडा है. 

माल्या ने  कई ट्वीट के जरिये कहा था कि वह बैंकों के कर्ज चूक मामले में ‘पोस्टर ब्वॉय’ बन चुके हैं. यानी जब भी बैंकों के कर्ज को नहीं लौटाने की बात होती है, तो सबसे पहले उनका नाम लिया जाता है. माल्या ने कहा था कि वह बैंकों के कर्ज के निपटारे के लिए प्रयास जारी रखेंगे. माल्या ने कल बयान में कहा कि यूनाइटेड ब्रूवरीज होल्डिंग्स लि . (यूबीएचएल) और उन्होंने खुद 22 जून, 2018 को कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपील कर करीब 13,900 करोड़ रुपये की संपत्तियों की बिक्री की अनुमति मांगी है. 

माल्या ने ट्वीट किया, ‘‘हमने अदालत से न्यायिक निगरानी में इन संपत्तियों को बेचने की अनुमति मांगी है ताकि बैंकों का कर्ज लौटाया जा सके. माल्या ने आगे कहा, 'यदि ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां संपत्तियों की बिक्री का विरोध करती हैं तो यह साफ हो जाएगा कि मेरे यानी पोस्टर ब्वॉय के खिलाफ कर्ज की वसूली से आगे भी एजेंडा चलाया जा रहा है. 

माल्या ने दावा किया कि वह बैंकों के साथ कर्ज के निपटारे का पूरा प्रयास करेंगे. यदि राजनीतिक से प्रेरित कोई हस्तक्षेप होता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता. कल बयान जारी करने के समय को लेकर उठे सवालों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए माल्या ने कहा कि उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील दायर करने की वजह से यह कदम उठाया है. माल्या ने कहा कि उन्होंने 15 अप्रैल , 2016 को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री दोनों को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था. 


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