विजय माल्या ने कहा, निश्चित रूप से भारत लौटना चाहता हूं, लेकिन अभी सही समय नहीं

विजय माल्या ने कहा, निश्चित रूप से भारत लौटना चाहता हूं, लेकिन अभी सही समय नहीं

विजय माल्या की फाइल तस्वीर

हैदराबाद / नई दिल्ली:

शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। चेक बाउंस मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। इस बीच, खबरों में माल्या के हवाले से कहा गया है कि यह उनके भारत लौटने का सही समय नहीं है। माल्या ने संडे गार्डियन को ई-मेल से भेजे साक्षात्कार में कहा कि मैं दिल की गहराइयों से भारतीय हूं। निश्चित रूप से मैं लौटना चाहता हूं। लेकिन मुझे यह भरोसा नहीं है कि मुझे अपना पक्ष रखने का उचित अवसर दिया जाएगा। मुझे नहीं लगता यह लौटने का सही समय है।

इसके साथ ही माल्या ने ट्वीट किया कि ब्रिटेन का मीडिया उनके पीछे लगा हुआ है और उन्हें तलाश रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं मीडिया से बात नहीं करूंगा, इसलिए अपना समय खराब नहीं करें।' इस बीच, हैदराबाद में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय से जब यह पूछा गया कि क्या किंगफिशर एयरलाइंस ने भविष्य निधि योगदान में कुछ गड़बड़ी की है, तो जवाब में उन्होंने कहा हमने अभी तक यह मुद्दा नहीं देखा है। हम सभी मुद्दों को देखेंगे।

जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को दिए गए 50 लाख रुपये का चेक बाउंस होने के मामले में विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। शहर की एक अदालत ने माल्या के इस मामले में पेश नहीं होने के बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। माल्या के वकील ने कहा कि वह गैर जमानती वारंट को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट जाएंगे।

14वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 मार्च को अब ठप खड़ी किंगफिशर एयरलाइंस, उसके चेयरमैन विजय माल्या और कंपनी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ यह गैर जमानती वारंट जारी किया। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 अप्रैल तय की है।

जीएमआर के वकील जी अशोक रेड्डी ने कहा कि माल्या और अन्य को अदालत के समक्ष 10 मार्च को पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए। ऐसे में अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया, जिसे 13 अप्रैल तक तामील किया जाना है। उन्होंने बताया कि जीएमआर को 8 करोड़ रुपये के भुगतान के कुल 11 मामले हैं। गैर जमानती वारंट 50 लाख रपये के चेक बाउंस मामले में जारी किया गया है।

उधर, वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि ऐसे डिफॉल्टर जो वैश्विक सुस्ती से अपने कारोबार पर पड़े असर की वजह से कर्ज नहीं चुका पाए हैं, उन्हें जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों की श्रेणी में नहीं मिलाया जाएगा।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'कुछ लोग ऐसे हैं जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाते। जो गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं। जहां तक ऐसे लोगों का सवाल है, उनके खिलाफ कानून कड़ाई से लागू किया जाएगा। सभी जांच एजेंसियां इस दिशा में काम कर रही हैं, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।' हालांकि, सिन्हा ने सीधे-सीधे माल्या का जिक्र नहीं किया, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वह 2 मार्च को लंदन चले गए।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)