राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को छोड़कर अन्य की वीआईपी सुरक्षा को विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए : मनोहर पर्रिकर

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को छोड़कर अन्य की वीआईपी सुरक्षा को विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए : मनोहर पर्रिकर

गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर.

खास बातें

  • भारत में वीआईपी संस्कृति में कमी लाने की जरूरत है.
  • वीआईपी संस्कृति गलत चीज है जो इस देश में चल रही है.
  • सुरक्षा एक तरह की मानसिकता है.
पणजी:

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि भारत में वीआईपी संस्कृति में कमी लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को छोड़कर अन्य की वीआईपी सुरक्षा को ज्यादा विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए.

यह पूछे जाने पर कि क्या गोवा में भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार केंद्र के लाल बत्ती से दूर रहने के फैसले का अनुसरण करेगी, पर्रिकर ने पहले कहा कि उन्हें इस तरह के फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन वह अपनी गाड़ी पर लगी लाल बत्ती को मीडिया को देने की पेशकश की.

राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि वीआईपी संस्कृति को कम करना है. वीआईपी संस्कृति गलत चीज है जो इस देश में चल रही है. सुरक्षा एक तरह की मानसिकता है. देश के केंद्र बिंदु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा हमें अनावश्यक सुरक्षा पर समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है. इस पर मेरा दृष्टिकोण साफ है."

यह पूछे जाने पर क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को मंत्रिमंडल के फैसले के बाद लाल बत्ती हटाने का अनुसरण करने को तैयार हैं तो पर्रिकर ने कहा कि उन्हें इस तरह के किसी फैसले के बारे में पता नहीं है, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि यदि यह राज्य सरकार को भेजा जाता है तो वह केंद्र सरकार के निर्देश का क्रियान्वयन करेंगे.

उन्होंने कहा, "मुझे इस तरह के किसी फैसले की जानकारी नहीं है. आप लगातार टेलीविजन पर खबरों के संपर्क में हैं, लेकिन मुझे खेद है कि मुझे इस बारे में नहीं पता."

उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार को लाल बत्ती के मुद्दे पर कोई निर्देश भेजती है तो "मैं इसका पूरा पालन करूंगा."

पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, "आप चाहते हैं कि लाल बत्ती हटा दी जाए. जिसे भी इच्छा हो जाकर ले लें, मेरा यही जवाब है, मेरी इसमें कोई रुचि नहीं है."


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