कृषि कानूनों के विरोध के बीच आई यूपी के किसानों की आवाज, "हमसे भी बात करे सरकार"

किसान नेता ने कहा, "पंजाब के 23 जिले के 30 किसान नेताओं से सरकार बात कर रही है. यूपी में 75 जिले हैं यहां के किसानों से बात नहीं कर रहे हैं.  हम सरकार से बात करने को तैयार है हमसे भी बात की जाए." 

कृषि कानूनों के विरोध के बीच आई यूपी के किसानों की आवाज,

टोल को कुछ घंटों के लिए किसानों ने फ्री किया.

नई दिल्ली:

Farmers Protest : नए कृषि कानून को लेकर पिछले 17 दिनों से आंदोलनरत किसानों के बीच अब उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों ने कहा कि हमसे भी सरकार बात करे. दिल्ली यूपी बार्डर से सटे कई जगहों पर यूपी के किसानों ने टोल को कई जगहों पर फ्री कर दिया. हालांकि यूपी के किसान संगठनों ने नरमी के संकेत देते कहा है कि सरकार सिर्फ पंजाब के नहीं यूपी के किसान संगठन से भी बात करे. शनिवार को यूपी के हापुड़ में सैकड़ें किसानों ने पहुंचकर एनएचएआई के टोल को फ्री कर दिया...इसी तरह इस्टर्न पेरीफेरल पर भी टोल को कुछ घंटों के लिए किसानों ने फ्री किया....दिन भर कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच टोल फ्री करने के मुद्दे पर तनातनी चलती रही...

उधर यूपी के शामली से आए किसन सिंह जैसे हजारों किसान NH9 पर बैठे हैं..कड़ाके की ठंड और बारिश के बावजूद किसान धरना खत्म करने को तैयार नहीं हैं..लेकिन किसान इस बात से अब खासे नाराज है कि उनके आंदोलन को सरकार माओवादियों का बता रही है. 

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किसानों का कहना है, "सरकार हमारे नेताओं से पूछ ले ऐसी चीजें न कहे हमें सरकार बदनाम कर रही है कि हम अफगानिस्तानी है खालिस्तानी है हम यहां के जैसे BSNLलुट गया वैसे हमारी मंडियों न लुटे. "

वहीं यूपी के किसान संगठन और पंजाब के किसान संगठन के बीच मतभेद दिखने लगे हैं. यूपी के किसान नेताओं का कहना है कि पंजाब के तीस किसान संगठन से सरकार बात कर रही है लेकिन यूपी के किसानों से नहीं बात कर रही है हमसे भी सरकार बात करे.

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रधान बीएम सिंह ने एनडीटीवी से कहा है कि पंजाब के किसानों से सरकार की बातचीत हो रही है लेकिन यूपी के किसानों से क्यों नहीं बात करती है सरकार? उन्होंने कहा, "बिल वापस करने की मांग एक हो सकती है लेकिन पंजाब के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी मिल रहा है, जबकि यूपी के किसानों को एमएसपी नहीं मिल रहा,  हम से क्यों नहीं बात हो रही है."

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किसान नेता ने कहा, "पंजाब के 23 जिले के 30 किसान नेताओं से सरकार बात कर रही है. उप्र में 75 जिले हैं यहां के किसानों से बात नहीं कर रहे हैं.  हम सरकार से बात करने को तैयार है हमसे भी बात की जाए." 

कृषि बिल को लेकर किसान संगठन और सरकार के बीच गतिरोध बना है लेकिन यूपी के किसान संगठन सरकार से बात करना चाहते हैं... किसानों के इस आंदोलन के जवाब में अब सत्ता में बैठी बीजेपी भी कृषि बिल के समर्थन में चौपाल करने की योजना बना रही है. यूपी और पंजाब के किसान संगठनों में मतभेद भी दिख रहा है. ऐसे में किसान आंदोलन को चलाए रखकर सरकार पर ज्यादा दबाव बढ़ाने की आगे की रणनीति पर सबकी निगाहे रहेंगी.

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