यह ख़बर 11 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार से कहा, शराब पर रोक लगानी है तो गुजरात मॉडल अपनाएं

कोवलम में एक बार में बीयर पीता एक पर्यटक (चित्र : एएफपी)

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि केरल में 700 से अधिक बारों को 30 सितंबर से पहले बंद नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने केरल की नई शराब नीति पर 30 सितंबर तक यथास्थिति रखने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार के सिर्फ पांच सितारा होटलों में शराब बिक्री की इजाजत देने संबंधी प्रस्ताव पर कहा कि यदि आप शराब पर बैन लगाना चाहते हैं, तो इसे गुजरात की तर्ज पर पूरी तरह प्रतिबंधित कीजिए।

राज्य सरकार की नई शराब नीति के तहत इन बारों के लाइसेंस कल यानी शुक्रवार को रद्द होने वाले थे। बार संचालकों ने राज्य सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला केरल हाईकोर्ट को करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट से राज्य सरकार की नई शराब नीति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर त्वरित गति से फैसला करने को कहा है, जो 18 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं।


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