क्या काबुल गेस्टहाउस हमले में आतंकवादियों के निशाने पर थे भारतीय राजदूत अमर सिन्हा?

क्या काबुल गेस्टहाउस हमले में आतंकवादियों के निशाने पर थे भारतीय राजदूत अमर सिन्हा?

नई दिल्ली:

क्या काबुल के गेस्टहाउस पर तालिबान आतंकवादियों के हमले का निशाना भारतीय राजदूत अमर सिन्हा थे? क्या आतंकवादियों ने यह सोचकर हमला किया था कि भारतीय राजदूत वहां मौजूद हैं? केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू का कहना है कि इस बात की पड़ताल की जा रही है।

'विदेश मंत्रालय से हम इस बारे में जानकारी इकठा कर रहे हैं', गृह राज्य मंत्री ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'हम समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी करते रहते हैं, जो जानकारियां हमें अपनी एजेंसियों से मिलती हैं।' उधर मंत्रालय का कहना है कि ये एडवाइजरी भी जारी की गई थी कि भारतियों को ज्यादा तादाद में एक जगह इकट्ठा नहीं होना चाहिए।

काबुल के कोलोला पोश्ता स्थित पार्क पैलेस अतिथिगृह में बुधवार रात आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें चार भारतीयों सहित 14 लोगों की मौत हो गई। इस बात को लेकर तफ्तीश चल रही है कि क्या आतंकवादियों ने यह सोचकर अतिथिगृह पर हमला किया कि भारतीय राजनयिक परिसर में मौजूद हैं।

एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया था कि अतिथिगृह में एक संगीत कार्यक्रम का आयोजन होना था, जिसमें तुर्की और भारतीय मेहमानों के साथ-साथ अफगान नागरिक भी शामिल होने वाले थे। सिन्हा ने हमले में भारतीय नागरिकों के हताहत होने के संबंध में ट्विटर पर जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि काबुल अतिथिगृह हमले में दुर्भाग्य से कुछ भारतीयों की भी जान गई है।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खबर सुनने के बाद वहां के हालात को लेकर वह चिंतित हैं। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'मुझे विमान में यह खबर मिली कि काबुल में हमला हुआ है। वहां के हालात को लेकर मैं चिंतित हूं और सबके सुरक्षित होने की दुआ कर रहा हूं।'

बंदूकों से लैस तालिबान आतंकवादियों ने बुधवार रात पार्क पैलेस गेस्टहाउस पर उस समय हमला किया, जब वहां दावत चल रही थी और लोग संगीत कार्यक्रम शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।

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सुरक्षा बलों और आतंकवादियों की मुठभेड़ गुरुवार सुबह तक करीब सात घंटे चली। काबुल के पुलिस प्रमुख अब्दुल रहमान ने बताया कि 54 लोगों को पैलेस से सुरक्षित बाहर निकाला गया।