"कोरोना से डर नहीं लगता, भेदभाव से लगता है" : दिल्ली कूच कर रहे किसान बोले

एक किसान ने एनडीटीवी से कहा, "हमें कोविड से डर नहीं लगता, लेकिन हमारे साथ जो भेदभाव हो रहा है, उससे लगता है. हम सभी किसान... यहां एकत्र सभी लोग किसान."

कृषि कानून के विरोध में किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च

 नई दिल्ली:

केंद्र के कृषि कानून (Farm Laws) के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च निकाल रहे किसान राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी हिस्सों तक पहुंच गए हैं. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. कोरोना संकट के मध्य निकल रहे इस मार्च को लेकर एक किसान ने एनडीटीवी से शुक्रवार को कहा कि हमें कोविड महामारी से ज्यादा, अपने साथ हो रहे भेदभाव और आजीविका के नुकसान से डर लगता है. कृषि कानून के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत 6 राज्यों के किसानों ने दिल्ली की ओर कूच किया है. 

एक किसान ने एनडीटीवी से कहा, "हमें कोविड से डर नहीं लगता, लेकिन हमारे साथ जो भेदभाव हो रहा है, उससे लगता है. हम सभी किसान... यहां एकत्र सभी लोग किसान. यहां कोई राजनीति नहीं हो रही है... इस सब में किसी राजनीतिक पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. यह किसानों का आंदोलन है. जो भी कहता है कि इसमें राजनीति है उसके दिल में किसानों के लिए कल्याण की भावना नहीं है." 

दिल्ली कूच कर रहे आंदोलनरत किसानों को पुलिस ने रास्ते में रोकने के पुख्ता इंतजाम किए हैं. रास्ते में किसानों पर कहीं लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे गए हैं तो कहीं कंटीले तारों से उनके रास्तों की बैरिकेडिंग की गई है. कई जगहों पर बैरिकेड्स हटाने के दौरान पुलिस और किसानों में झड़पें भी हुई हैं. 

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दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी गौरव शर्मा ने कहा, "हम दिल्ली के लोगों की जान को खतरे में नहीं डालेंगे. हम किसी भी कीमत पर प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में आने की इजाजत नहीं देंगे." उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल और पंजाब के किसानों ने गुरुवार को दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया.

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