'हम माल्या जैसे भागने वाले नहीं, PM मोदी पहले 22000 लोगों की नौकरी बचाएं', जेट एयरवेज के यूनियन लीडर का बयान

जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने गुरुवार को अचानक से जेट मुख्यालय के दरवाजे के बाहर खड़े होकर वाहनों को बाहर निकलने और अंदर जाने पर रोक लगा दिया.

'हम माल्या जैसे भागने वाले नहीं, PM मोदी पहले 22000 लोगों की नौकरी बचाएं', जेट एयरवेज के यूनियन लीडर का बयान

जेट एयरवेट की प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • जेट एयरवेज के यूनियन लीडर का बयान
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  • 'हम माल्या जैसे भागने वाले नहीं'
नई दिल्ली:

जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने गुरुवार को अचानक से जेट मुख्यालय के दरवाजे के बाहर खड़े होकर वाहनों को बाहर निकलने और अंदर जाने पर रोक लगा दिया. उनका कहना था कि हमें पता चला है कि मैनेजमेंट के लोग हमसे बात करने से बचने के लिए चुपचाप बाहर निकल रहे हैं. हालांकि 10 मिनट के बाद जब यूनियन लीडर किरण पावसकर; जो आल इंडिया जेट एयर वेज ऑफिसर एंड स्टॉफ एंड की प्रेसिडेंट, के आने के बाद सभी कर्मचारी मुख्यालय में अंदर चले गए हैं. 
अभी यूनियन और प्रबंधन के बीच बातचीत चल रही है.

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जेट एयरवेज की मीटिंग खत्म होने के बाद यूनियन लीडर किरण पावसकर ने कहा, ''16000 कर्मचारी गुरुवार को काम के बिना बैठे हैं. ठेके के दूसरे कर्मचारियों को भी मिला दे तो 22 हजार के करीब हैं. देश मे एविएशन उद्योग के साथ खिलवाड़ हो रहा है. काम करने वालों को कोई सुरक्षा नहीं है. लेबर मिनिस्ट्री भी कुछ नहीं कर रही है. 4 विमान से 119 विमान तक पहुंच गये थे. मेरा सवाल प्रधानमंत्री और बाकी विभागों से है कि सिविल एविएशन उद्योग क्या सिर्फ घोषणा करने के लिए है? मैनेजमेंट कह रहा है कि हम एविएशन एक्सपर्ट है कंपनी चला सकते हैं लेकिन फण्ड मिले तब.''

किरण पावसकर ने कहा, ''नरेश गोयल ने कंपनी को इतना बड़ा किया. उनको क्यों हटा दिया गया? सरकार जो पैसे लेकर भाग जाते हैं उनपर तो बोलती है, लेकिन जो यहां है उनसे बात क्यों नही करती? बैंक देश की है कंट्रोल आरबीआई का है. ये डैमेजस सिर्फ कर्मचारियों को नहीं है. उनके परिवार को गिने तो एक लाख लोग प्रभावित है. एसबीआई ने कहा था नरेश गोयल अगर चेयरमैन से हटते हैं तो 1500 करोड़ देंगे. फिर अब क्यों नही दे रहे हैं? अगर चेयरमैन नहीं है तो हम किससे जाकर पूछें? अक्टूबर 2018 से एक एयरक्राफ्ट खराब हुआ था, ईंधन महंगा हुआ उसके बाद से हालात खराब होती चली गई.आप पूछेंगे यह कॉरपोरेट वॉर है तो हम कहेंगे ये कहना गलत नहीं होगा. हम तो मांग करेंगे सीबीआई जांच करनी चाहिए.''

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यूनियन लीडर किरण पावसकर ने कहा, ''अगर एयर इंडिया गवर्नमेंट की है, आप उसे मदद करते हैं तो जेट कौन सी प्राइवेट है सिर्फ ऑपरेटर ही प्राइवेट हैं बाकी सब तो सरकार के नियमों से हो रहा है. फिर ये भी सरकार से अलग कैसे हो गई? हम माल्या जैसे भागने वाले नहीं है. बंद करने के पीछे हिडेन एजेंडा क्या है? सब शर्त तो मान ली गई. नरेश गोयल को हटा दिया गया. अब किसका इंतजार हो रहा है? जिसे लाना है उसे तो सामने लाओ. हम यहां ग्रेच्युटी और पेंशन मांगने नहीं आए थे. हम ये कहने आये थे कि इसमें हमारा भी खून पसीना लगा है. इसे फिर से शुरु करने में हम खड़े रहने को तैयार है. 2 करोड़ नौकरी देने की मांग करने वाले प्रधानमंत्री से निवेदन है कि 22000 लोगों की नौकरी खतरे में पहले उसे बचाएं. हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.''

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