पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव : बीजेपी को सुप्रीम कोर्ट से झटका

9 अप्रैल नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख है.

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव : बीजेपी को सुप्रीम कोर्ट से झटका

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी
  • बीजेपी ने लगाया था अपने कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप
  • पंचायत चुनावों पर अंतरिम आदेश की थी अपील
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी को झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में दखल देने से इनकार किया है. कोर्ट ने कहा बीजेपी को आजादी है कि वो राज्य चुनाव आयोग से संपर्क करे. उल्लेखनीय है कि 1,3, 5 मई को राज्य में पंचायत चुनाव होने हैं. 9 अप्रैल नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख है.

बता दें कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव मामले में बीजेपी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. शुक्रवार को कोर्ट ने बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. राज्य की बीजेपी इकाई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. बीजेपी उम्मीदवारों को नामांकन भी भरने नहीं दिया जा रहा है. उनके साथ हिंसा हो रही है, धमकाया जा रहा है. 

पंचायत चुनाव को लेकर 70 हजार मतदान बूथों के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया हो. ऐसे में उन्हें व उनके परिवार को सुरक्षा दी जाए और ऑनलाइन नामांकन दाखिल करने की मंजूरी दी जाए. साथ ही नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख नौ अप्रैल से बढ़ाई जाए. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्य में बीजेपी की उपस्थिति जीरो है. 

ये याचिका सिर्फ मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए है. आंकडे बताते हैं कि कई जगह पर बीजेपी ने TMC से ज्यादा नामांकन दाखिल किए हैं. कोर्ट ने खुद ही कहा है कि एक बार चुनाव प्रक्रिया शुरु होती है तो कोर्ट दखल नहीं देगा. ये आरोप गलत हैं और इस शिकायत को लेकर किसी भी उम्मीदवार ने शिकायत नहीं की ऑनलाइन नामांकन को मंजूरी नहीं दी जा सकती क्योंकि रिटर्निग अफसर को प्रत्याशी और दस्तावेज की पड़ताल करनी पड़ती है. 

वहीं राज्य चुनाव आयोग ने भी बीजेपी की याचिका का विरोध किया. वहीं केंद्र की ओर से पेश ASG तुषार मेहता ने कहा कि ये कोई टीवी डिबेट नहीं है. ये चुनाव आयोग और राज्य का मामला है. केंद्र सरकार का संवैधानिक दायित्व है कि वो चुनाव के लिए सुरक्षा प्रदान करे. इसके लिए केंद्र की तरफ से अर्धसैनिक बलों व सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है. 

सुप्रीम कोर्ट ने पश्‍चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की मांग वाली पश्‍चिम बंगाल बीजेपी सचिव की याचिका पर सुनवाई की है. 

बीजेपी सचिव ने याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि TMC कार्यकर्ताओं द्वारा उसके उम्‍मीदवारों को पीटा जाता है और नॉमिनेशन कराने की अनुमति नहीं दी जाती है. एक दलित नेता की हत्या भी कर दी गई. मई में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की जाए और नॉमिनेशन करने के लिए तारीख को बढ़ाया जाए या फिर ऑनलाइन नामांकन दर्ज करने की इजाजत हो. 9 अप्रैल नामांकन दर्ज करने की आखिरी तारीख है. याचिका में बीजेपी उम्मीदवारों को सुरक्षा देने की मांग भी की गई है.


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