यह ख़बर 18 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एक और ममता पीड़ित प्रोफेसर जेल से रिहा!

खास बातें

  • गौरतलब है कि मॉलीक्यूलर बायोलोजिस्ट प्रोफेसर रे को 8 अप्रैल को कोलकाता के रूबी मोड़ पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रोफेसर रे झुग्गीबस्ती नोनाडंगा के बाशिंदों को हटाए जाने का विरोध कर रहे थे।
कोलकाता:

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक प्रोफेसर पार्थो सरोथी रे को अलीपुर जेल से रिहा कर दिया गया है। उन्हें इस महीने के आरंभ में झुग्गीवालों को बेघर किए जाने के विरोध में धरना प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को प्रोफेसर रे को जमानत मिल गई थी।
 
गौरतलब है कि मॉलीक्यूलर बायोलोजिस्ट प्रोफेसर रे को 8 अप्रैल को कोलकाता के रूबी मोड़ पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करने के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रोफेसर रे झुग्गीबस्ती नोनाडंगा के बाशिंदों को हटाए जाने का विरोध कर रहे थे।

बताया जा रहा है कि उन्हें पुलिसवालों पर हाथ उठाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह आरोप भी उनपर 4 अप्रैल पुलिस लाठीचार्ज के दौरान पुलिस वालों पर हमला करने के लिए लगाया गया था।
वहीं, प्रोफेसर रे के वकील का कहना है कि वह उस दिन वहां पर मौजूद नहीं थे। वकील का कहना है कि प्रोफेसर रे उक्त घटना के वक्त नाडिया जिले के मोहनपुर स्थित आईआईएसईआर में कक्षा ले रहे थे। यह स्थान कोलकात से करीब ढाई घंटे के यात्रा कर पहुंचा जा सकता है।

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प्रोफेसर रे की इस गिरफ्तारी के बाद तमाम देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में धखल देने के अपील की थी। इसी पत्र में प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा के साथ हुए व्यवहार का भी वैज्ञानिकों ने विरोध किया था।