नागरिक कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच आज गृह मंत्रालय में क्या हुआ, कहां हैं गृहमंत्री अमित शाह

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया और उसके आस-पास के इलाकों में हिंसक प्रदर्शन के बाद उत्पन्न हुए तनाव के मद्देनजर गृह मंत्रालय लगातार दिल्ली पुलिस के सम्पर्क में है.

नागरिक कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच आज गृह मंत्रालय में क्या हुआ, कहां हैं गृहमंत्री अमित शाह

खास बातें

  • गृहमंत्रालय को दिल्ली पुलिस ने रिपोर्ट दी
  • रिसर्च छात्र का नाम सामने आया
  • झारखंड में हैं गृहमंत्री अमित शाह
नई दिल्ली:

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया और उसके आस-पास के इलाकों में हिंसक प्रदर्शन के बाद उत्पन्न हुए तनाव के मद्देनजर गृह मंत्रालय लगातार दिल्ली पुलिस के सम्पर्क में है. वहीं दिल्ली पुलिस से मिली पर रिपोर्ट के आधार पर गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने दी ऑफ द रिकॉर्ड बताया है कि स्थानीय युवकों और जामिया  के छात्रों को विपक्षी नेताओं ने भड़काया है. इसमें एक रिसर्च छात्र का भी नाम सामने आ रहा है जो दिल्ली विधानसभा में टिकट पाने की कोशिश कर रहा है. यह छात्र मूल रूप से बिहार के सीवान जिले का है. वह इस समय दिल्ली आरजेडी यूथ विंग का अध्यक्ष भी है और अभी जामिया का छात्र है. पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंपस की कोई बाउंड्री नहीं है. बाहरी लोग कैंपस के अंदर घुसे पत्थर फेंकने लगे. इसके बाद पुलिस के पास कोई और चारा नहीं था, उसे आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. अभी तक 51 लोगों के घायल होने की खबर है जिसमें ज्यादातर बाहरी और देखने वाले हैं. जब बवाल शुरू हुआ तो ज्यादातर लोग बाहरी थे. आपको बता दें कि जामिया के अलावा अलीगढ़, लखनऊ, मुंबई, केरल, गुजरात में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया है. वहीं गृहमंत्री अमित शाह आज झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर रैली करने गए हैं.  

ध्रुवीकरण से फासीवादियों का हथियार : राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि नागरिकता (संशोधन) कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) को भारत में 'बड़े पैमाने पर धुव्रीकरण' के लिए फासीवादियों के हथियार करार देते हुए सोमवार को कहा कि इन हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण सत्याग्रह है. गांधी ने कहा कि वह इन हथियारों के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़े हैं. गांधी ने ट्वीट किया, 'कैब और एनआरसी भारत में बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने के लिए फासीवादियों के हथियार हैं. इन गंदे हथियारों के खिलाफ बचाव का सर्वश्रेष्ठ तरीका शांतिपूर्ण, अहिंसक सत्याग्रह है. मैं कैब और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ खड़ा हूं.'

असम में हेल्पलाइन नंबर
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में मदद की राह देख रहे लोगों के लिए सरकार ने सोमवार को असम में मौजूद केंद्र तथा राज्य के सुरक्षा और राहत बलों के हैल्पलाइन नंबर प्रचारित किए. केंद्रीय बलों में शामिल एनडीआरएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एसएसबी राज्य की राजधानी गुवाहाटी में हैं. राज्य स्तरीय बल आपदा प्रतिक्रिया बल और नागरिक सुरक्षा बल हैं।.राज्य स्तरीय आपदा अभियान केंद्र दिसपुर में स्थित है और उसका संपर्क नंबर है: 1079 तथा 9401044617। कामरुप में जिला स्तरीय आपात अभियान केंद्र के फोन नंबर हैं : 1077 तथा (0361) 2733052। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में असम में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. विभिन्न शहरों में आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा. 

पुलिस की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं : वीसी
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने सोमवार को कहा कि परिसर में पुलिस की मौजूदगी को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुई कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. अख्तर ने एक संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा, 'पुलिस बिना अनुमति के परिसर में दाखिल हुई थी. हम परिसर में पुलिस की मौजूदगी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने अपनी बर्बरता से छात्र-छात्राओं को डराया. विश्वविद्यालय की संपत्ति को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है.'' उन्होंने कहा, 'संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और छात्र-छात्राओं पर पुलिस की कार्रवाई के संबंध में हम प्राथमिकी दर्ज कराएंगे. हम उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं. मैं मानव संसाधन मंत्री के समक्ष तथ्यों को पेश करूंगी.' कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए और इसकी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. (इनपुट भाषा से भी)

जामिया में हुई हिंसा के बाद छात्रों के समर्थन में उतरीं प्रियंका गांधी​

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