जो सरकार अपने सहयोगी दलों को नहीं समझा पा रही वो किसानों को क्या... : सचिन पायलट

पायलट ने कहा कि सरकार के साथ 9 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन बेनतीजा रही. सरकार की मंशा नतीजा निकालने की नहीं है. वो सिर्फ किसानों को थकाना चाहती है. यह केंद्र सरकार की एकतरफा कार्यवाही है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं.

जो सरकार अपने सहयोगी दलों को नहीं समझा पा रही वो किसानों को क्या... : सचिन पायलट

Pilot ‘किसान बचाओ-देश बचाओ’ अभियान के तहत जनसभाएं कर रही हैं.

जयपुर:

राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अहंकार में बनाए गए कानूनों को देश के किसानों के हित में वापस लेना चाहिए. पायलट ने देश भर में किसान आंदोलित (Farmers Protest) हैं और इस कडाके ठंड में पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से अनगिनत किसान धरना दे रहे हैं और गांधीवादी तरीके से अपनी मांग को मनवाने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार के साथ 9 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन बेनतीजा रही. सरकार की मंशा नतीजा निकालने की नहीं है. वो सिर्फ किसानों को थकाना चाहती है. यह केंद्र सरकार की एकतरफा कार्यवाही है, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं. टोंक में किसानों को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि आज हमारी कोशिश है कि देश में 24 राजनीतिक पार्टियां एकत्र होकर उन किसानों का समर्थन करें. यह राजनीतिक मांग नहीं है, किसानों के भविष्य और उनके हित को देखते हुए पूरे देश ने यरकार से तीनों कानून (Farm Laws) वापस लेने की मांग करने का संकल्प लिया है.

पायलट ने कहा कि इन कानूनों में समर्थन मूल्य का जिक्र नहीं है. किसानों को अपनी जमीन पर एक तरह से मजदूर बनाने की मंशा सरकार की है. इसलिए उनके खुद के घटक दल (अकाली दल) जो सरकार का हिस्सा था, उनके मंत्री ने इस्तीफा दिया, समर्थन वापस ले लिया. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा जो एनडीए का हिस्सा था, समर्थन वापस लिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसा क्यों है कि सरकार अपने सहयोगी दलों को अपने कैबिनेट के सदस्यों को समझा नहीं पा रही है. वह किसानों को क्या समझाएगी. किसान अपनी जान पर खेल कर इनका विरोध कर रहे हैं तो मुझे लगता है कि इसमें सच्चाई सबके सामने है लेकिन यह सरकार की जिद है और एक तरह से अडियल रवैया है कि मानने को तैयार नहीं है.

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पायलट ने कहा कि अगर इसमें संशोधन करके वापस कर लेते है तो किसी की हार नहीं है. सरकार कई बार कानून बनाती है उसको दोबारा पुर्नविचार करना पड़ता है. अर्थव्यवस्था ढह रही है, पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं, सिलेंडर की कीमतें बढ़ रही हैं, महंगाई बढ़ रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और ऐसे में सरकार किसानों को इस तरह के कदम से मार रही है. पायलट ने रविवार को पार्टी के ‘किसान बचाओ-देश बचाओ' अभियान के तहत टोंक के बामोर, सोनवा, हरचंदेडा, अरनियामल ग्राम पंचायतों में किसानों से बातचीत की.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)