26 जनवरी 1950 को देश गणतंत्र बना | सब जानते हैं, मगर कितने बजे?

हो सकता है कुछ ज्ञानी लोगों को इसकी जानकारी हो, लेकिन आम नागरिक इसके बारे में जवाब नहीं दे पाता.

26 जनवरी 1950 को देश गणतंत्र बना | सब जानते हैं, मगर कितने बजे?

राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी से जाते हुए...

खास बातें

  • पीआईबी ने पिछले साल इस बारे में एक ट्वीट कर बताया था
  • पीआईबी ने ट्वीट में देशावासियों को सटीक समय बताया
  • 26 जनवरी को क्यों चुना गया था.. जाइए कारण
नई दिल्ली:

15 अगस्त 1947 के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतंत्र देश के रूप के बदला और देश में संविधान लागू हुआ. देश में सभी कार्य संविधान के हिसाब से लागू हुए. यह देश के हर नागरिक को पता होता है, लेकिन यह कितने को पता है कि देश में गणतंत्र कितने बजे लागू हुआ. देश में पहले राष्ट्रपति बने या इस देश में पहले गणतंत्र लागू हुआ. हो सकता है कुछ ज्ञानी लोगों को इसकी जानकारी हो, लेकिन आम नागरिक इसके बारे में जवाब नहीं दे पाता.

पीआईबी (प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो, भारत सरकार) के अनुसार देश में 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना. इस के छह मिनट बाद 10.24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे. इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सैन्य बल की सलामी ली थी. पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था.


बता दें कि 26 जनवरी के ही दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था. 26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था.

26 जनवरी 1950 को 34वें और आखिरी गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजागोपालाचरी ने एक घोषणा के जरिए भारत को गणतंत्र देश घोषित किया. तभी से भारत में संविधान लागू हुआ और भारत को संप्रभु, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किया गया. इससे पहले भारत ब्रिटिश डोमिनियन का हिस्सा था. यानि भारत ब्रितानी राजा जॉर्ज VI को बादशाह स्वीकार करता रहा और ब्रिटिश कॉमनवेल्थ का हिस्सा बना रहा. इसलिए डॉ राजेंद्र प्रसाद को राष्ट्रपति की शपथ दिलाई गई.

उल्लेखनीय रहा है कि गणतंत्र घोषित होने के बाद भी भारत ने ब्रिटिश कॉमनवेल्थ संगठन का साथ नहीं छोड़ा. भारत ने कहा था कि कॉमेनवेल्थ प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर भारत दुनिया में शांति और आर्थिक प्रगति का रास्ता तय करेगा.

 

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