तीन तलाक कानून, आर्टिकल-370 और CAB के बाद BJP का अगला कदम क्या होगा? 

नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के संसद के दोनों सदनों से पास होने के साथ ही केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के अगले कदम को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं.

तीन तलाक कानून, आर्टिकल-370 और CAB के बाद BJP का अगला कदम क्या होगा? 

केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के अगले कदम को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं.

खास बातें

  • बीजेपी ने 7 महीने में पूरे किये 3 बड़े वादे
  • अब भाजपा के अगले कदम को लेकर कयासबाजी शुरू
  • पार्टी नेताओं के मुताबिक एनआरसी लागू करवाना प्राथमिकता
नई दिल्ली :

नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) के संसद के दोनों सदनों से पास होने के साथ ही केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के अगले कदम को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं. दरअसल, बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद-370 हटाने, एक बार में तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने और नागरिकता संशोधन कानून लाने का वादा किया था. मोदी सरकार- 2 ने लोकसभा चुनाव में जीत के करीब 7 महीनों के अंदर ही इन तीनों वादों को पूरा कर दिया है. ऐसे में अब बीजेपी के अगले कदम को लेकर चर्चा जारी है. कहा जा रहा है कि पार्टी समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) पर आगे बढ़ सकती है. हालांकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि अभी पार्टी की प्राथमिकता देशभर में एनआरसी लागू करवाना है.  

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बीजेपी नेताओं का कहना है कि तीन तलाक कानून, समान नागरिक संहिता की दिशा में एक बड़ा कदम है. भविष्य में इस पर भी आगे बढ़ा जाएगा. फिलहाल पार्टी की प्राथमिकता देशव्यापी एनआरसी लागू कराना है. गृह मंत्री इसका ऐलान कर चुके हैं. बीजेपी नेताओं के मुताबिक इसके लिए कानून लाने की भी जरूरत नहीं है और यह शासनादेश के माध्यम से हो सकता है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र यह बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ समान नागरिक संहिता एक ऐसा मुद्दा है जो बीजेपी की बुनियादी विचारधारा के बेहद करीब है और हमेशा से पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है. सुप्रीम कोर्ट भी समान नागरिक संहिता को लेकर टिप्पणी कर चुका है. हालांकि मोदी के पहले कार्यकाल में विधि आयोग ने इस बारे में प्रतिकूल टिप्पणी दी थी.  

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आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक विरोध के बीच संसद ने बुधवार को इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी. राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया. सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया. राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 99 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया. लोकसभा में बिल के समर्थन में वोट करने वाली शिवसेना ने राज्यसभा में वोट से बायकॉट किया. विधेयक के संसद में पारित होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत और इसके करुणा तथा भाईचारे के मूल्यों के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया. उन्होंने ट्वीट किया कि विधेयक 'वर्षों तक पीड़ा झेलने वाले अनेक लोगों के कष्टों को दूर करेगा.'