भारतीय निर्वाचन आयोग की फाइल फोटो.
खास बातें
- कब घोषित होगी 2019 के लोकसभा चुनाव की तारीख ?
- जानिए क्या कहते हैं भारतीय चुनाव आयोग के सूत्र
- पिछले साल अप्रैल से मई के बीच में हुए थे चुनाव
नई दिल्ली: भारतीय चुनाव आयोग(Election Commission of India) के सूत्रों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा मार्च के पहले सप्ताह में हो सकती है. चुनाव छह से सात चरणों में हो सकते हैं.उधर, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चुनाव की फर्जी तारीखों की पोस्ट वायरल हो रही है. इसे संज्ञान में लेते हुए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने फेसबुक और ट्विटर को संबंधित कंटेट के लिए भी कहा है. सोशल मीडिया पर सिर्फ चुनाव की तारीख ही नहीं, बल्कि पार्टियों के प्रत्याशियों की फर्जी सूची भी वायरल होने का मामला सामने आ चुका है. यूपी में सपा-बसपा गठबंधन होने पर बसपा प्रत्याशियों की फर्जी लिस्ट वायरल हुई थी. जिस पर बहुजन समाज(बसपा) केस भी दर्ज करा चुकी है.
2014 में कब हुए थे चुनाव
केंद्रीय चुनाव आयोग ने 7 अप्रैल से 12 मई, 2014 के बीच नौ चरणों में 2014 का लोकसभा चुनाव कराया था. पहले चरण में दो राज्य, दूसरे चरण में पांच राज्य, तीसरे चरण में 14, चौथे में तीन, पांचवे चरण में 13 राज्यों का चुनाव हुआ था, वहीं छठें में 12, सातवें में नौ, आठवें में सात, नौवें में तीन राज्यों में चुनाव हुए थे.
शिवपाल की पार्टी को मिला चुनाव चिह्न
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव को चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह चाबी आवंटित कर दिया है. इस शिवपाल ने आयोग को धन्यवाद भी दिया है, जिसके बाद उन्होंने तैयारियां को और पुख्ता करते हुए पार्टी की राज्य कार्यकारिणी पदाधिकारियों की सूची भी जारी कर दी थी. शिवपाल ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं. हालांकि कांग्रेस से अभी खुलकर उन्हें संकेत नहीं मिला है. सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन को शिवपाल ने 'ठगबंधन' करार देते हुए कहा कि यह गठबंधन पैसों के लिए किया गया है.
उन्होंने गठबंधन से पहले पैसों के लेन-देन का भी आरोप लगाया है.शिवपाल ने कहा कि कांग्रेस भी एक सेक्युलर पार्टी है और अगर वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए हमसे संपर्क करती है तो हम उसका समर्थन करेंगे. शिवपाल ने कहा, "हमारे बिना कोई भी गठबंधन बीजेपी को हरा नहीं सकता है."शिवपाल ने कहा कि वर्ष 1993 में जब सपा-बसपा का गठबंधन हुआ था, उस वक्त दोनों ही पार्टियों पर कोई आरोप नहीं था और ना ही सीबीआई का कोई डर था. उन्होंने कहा कि आज तो सीबीआई का ही डर है. इस डर की वजह से यह गठबंधन हो रहा है.
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